अमरीका:बहुत ही ख़ौफनाक था वो मंज़र
शनिवार, 15 दिसंबर, 2012 को 10:23 IST तक के समाचार
अमरीका के कनेक्टीकट राज्य में एक
बंदूकधारी ने 27 लोगो को गोलियों से भुन डाला. ये गोलीबारी न्यूटाउन के
सैंडी हुक एलिमेन्टरी स्कूल में हुई.
इस हमले में मारे जाने वालो में 20 बच्चे और छह लोग शामिल है.राज्य पुलिस का कहना है हमलावर मौके पर ही मारा गया. उनके अनुसार इसकी उम्र तकरीबन 20 साल रही होगी जिसका संबंध स्कूल से था.
कुछ प्रत्यदर्शियों ने इस हमले का मंजर यूं बयान किया.
मां और बेटा
बेटा : मैं स्कूल के हॉल के बगल में था जहां मैने गोलियों को जाते हुए देखा. इसके बाद मेरी टीचर ने मुझे अपनी क्लास में खींच लिया.मां : मैं उस टीचर की शुक्रगुजार हूं जिसने मेरे बेटे की जान बचाई. गोलियां मेरे बेटे के नजदीक से गुजर रही थी. टीचर ने उसे और दूसरे छात्र को एक क्लासरुम में खींच लिया. वाकई में टीचर ने ही मेरे बेटे की जान बचाई है.
कॉलीन डर्किन
मैं स्कूल के नजदीक एक खिलौनों की दुकान में काम करती हूं. मैंने 40-50 पुलिसकर्मियों को स्कूल की तरफ जाते देखा. एफबीआई भी वहां मौजूद थी. पुलिस ने एंबुलेंस लानी की भी अपील की थी.अब उस इलाके में कुछ काम नहीं हो रहा है और जो मैंने सुना है कि पुलिस वहां काम कर रही है, वो वहां से शवों को निकाल रहे हैं. मैं अब घर की ओर रवाना हो रही हूं.
रिचर्ड विलफोर्ड
मैंने स्थानीय पुलिस को फोन किया और मुझे बताया गया कि सैंडी हुक में गोलीबारी हुई है. इस खबर को सुनते ही मैं और मेरी पत्नी स्कूल की तरफ भागे.
आपका बच्चा उसी स्कूल में जहां गोलीबारी हुई है, इस खबर को सुनने के बाद किस भयानक डर से हम गुजरें है उसको शब्दों में बयान करना मुश्किल है.
आप उस घटना के बारे में नहीं जानते, आप अपने बच्चे की स्थिति के बारे में नहीं जानते और तुरंत उनकी मदद के लिए कुछ नहीं कर सकते. ये एक शक्तिहीन और डरावना अनुभव होता है.
मेरे बेटे ने जोर की आवाज़े सुनी, उसे लगा जैसे बर्तन गिर रहे है. इसके बाद उसकी टीचर ने जाकर देखा. टीचर ने दरवाज़ा बंद कर ताला लगा लिया. वे बच्चों को किनारे पर ले गई और उन्हें पुलिस के आने तक वहीं रखा.
अज्ञात मां
मेरी एक सहेली ने कहा कि एक नकाब पहने आदमी आया और उसने गोलीबारी शुरु कर दी. मुझे नहीं पता वो कैसे स्कूल में घुस गया क्योंकि आप जब भी स्कूल में जाते हैं तो आपको घंटी बजानी पड़ती है जिसके बाद ऑफिस में बैठा व्यक्ति आपको देख सकता है. वो आपकी पहचान करते है और फिर अंदर आने की अनुमति दी जाती है.मुझे नहीं पता कि वो उसको जानते थे.
उसका बच्चा
जब हम सुबह की प्रार्थना के लिए जा रहे थे हमने गोलियां चलने की आवाज़ सुनी. हम सब एक किनारे पर चले गए और मिस मार्टिन ने दरवाज़ा बंद कर दिया.क्रिस्टियन विटस्ची
मैं पास ही में स्थित शहर में एक टीचर हूं. ये बहुत ही हिला देने वाला और डरावना है. हम ये सोचते थे कि ऐसी घटना हमारे नजदीक नहीं हो सकती..हम कोलोरेडो या टेक्सस में नहीं रहते- लेकिन अब ये बात पुख्ता हो गई है हम डरावनी दुनिया में रहते हैं.मेरे बॉस की पत्नी सैंडी हुक स्कूल में टीचर है. भगवान का शुक्र है कि वो ठीक है.
कोई नहीं जानता कि वाकई में क्या हुआ. हम सब सदमे में हैं.
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