क्या है दुनिया की सबसे महंगी दवा की कीमत?
रविवार, 20 जनवरी, 2013 को 07:46 IST तक के समाचार
दुनिया में कई ऐसी विरली
बीमारियाँ हैं जो केवल गिने-चुने लोगों को ही होती हैं. ज़ाहिर है इन
बीमारियों के लिए दवाएँ भी खास होती हैं और साथ ही इनकी कीमत भी.
स्कॉटलैंड में रहने वाली लेसली को पैरॉक्सीसमल नॉक्टरनल हेमोग्लोबिनूरिया (पीएनएच) नाम की बीमारी है.जो बीमारियाँ दुनिया में मुठ्ठी भर लोगों को ही होती हैं उनके लिए बनने वाली दवाओं को ‘ऑरफन ड्रग्स’ कहा जाता है.
लेसली की बीमारी भी ऐसी ही है. लेसली की हालत ये थी कि उन्हें सीढ़ियों पर भी कोई उठाकर ऊपर ले जाता था, कपड़े भी किसी और को पहनाने पड़ते थ .कभी कभी तो बिस्तर पर भी करवट लेना भी मुमकिन नहीं होता था. लेकिन सोलिरिस दवा लेने के बाद से उनकी जिंदगी बदल गई है.k
इतनी महंगी क्यों है दवाएँ
"ऑरफन ड्रग्स की बाज़ार में कीमत करीब 50 अरब डॉलर है और ये बढ़ रहा है, 60 फीसदी की दर से."
डॉक्टर किरण मिकिंग्स , थॉमसन रॉयटर्स लाइफ साइंसिज़
सोलिरिस बनाने वाली कंपनी एलिक्सन का कहना है कि दवाई की कीमत उचित है क्योंकि इस दवा को बनाने में कंपनी को बहुत खर्चा आया और काफी जोखिम भी उठाना पड़ा.
कंपनी के मुताबिक सोलिरिस उपलब्ध होने से पहले एक तिहाई मरीज़ पाँच साल के अंदर ही मर जाते थे.
यूरोप में 60 से ज़्यादा ऑरफन ड्रग्स हैं यानी दुलर्भ बीमारियों के लिए बनी दवाएँ.सभी ऑरफन ड्रग्स सोलिरिस जितनी महंगी तो नहीं है लेकिन ये उद्योग बड़ी कमाई वाला उद्योग बन गया है.
थॉमसन रॉयटर्स लाइफ साइंसिज़ की डॉक्टर किरण मिकिंग्स कहती हैं, “ऑरफन ड्रग्स की बाज़ार में कीमत करीब 50 अरब डॉलर है और ये बढ़ रहा है, 60 फीसदी की दर से.”
हालांकि दवा उद्योग का कहना है कि बिरली बीमारियों की दवाएँ अगर महंगी हैं तो इसलिए क्योंकि इन पर होने वाली शोध की कीमत बहुत है.
'मेरे लिए ये दवा बेशकीमती है'
अब चर्चा इस बात पर है कि चंद मरीज़ों के लिए बनने वाली बेहद महंगी दवाओं का बोझ उठाने के लिए दवा उद्योग को सब्सिडी और कर रियायतें मिलनी चाहिए? या फिर इससे लोगों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा.
दरअसल आखिर में ये बहस इसी बात पर निर्भर करती है कि दवा का दाम क्या है और ज़िंदगी में उसकी असली अहमियत क्या है. लेसली जैसे मरीज़ों की बात करें तो उनके लिए सोलिरिस दवा बेशकीमती है.
लेसली कहती हैं, “मेरे परिवार के सामने वो स्थिति थी कि दस साल में मेरी मौत हो सकती थी. मेरे पति को बच्चों को अकेले ही पालना पड़ता. मेरे माता-पिता अपनी बेटी को खो देते. लेकिन अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.”
स्कॉटलैंड में लेसली और आठ अन्य लोगों को इस तरह की महंगी दवा सरकार से मिल रही है.
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