लड़कियों के लिए पांच 'बेतुकी हिदायतें'
बुधवार, 9 जनवरी, 2013 को 10:44 IST तक के समाचार
दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के
बाद जहां देश भर के लोगों में गुस्सा है, वहीं लड़कियों को सलाह देने वालों
की भी कमी नहीं है कि उन्हें इस तरह की छेड़छाड़ या बलात्कार से बचने के
लिए क्या करना चाहिए.
राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता, सिने स्टार या फिर धार्मिक गुरु, हर कोई इस मुद्दे पर बोल रहा है.1. 'टांगें न दिखें'
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक बनवारी लाल सिंघल ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर मांग की कि स्कूलों में लड़कियों के स्कर्ट पहनने पर रोक लगनी चाहिए.उनका दावा है कि ऐसा उन्होंने लड़कियों की सुरक्षा को ध्यान में रख कर कहा. सिंघल की मांग थी कि राज्य के सभी स्कूलों में स्कर्ट की जगह सलवार-कमीज को लागू कर देना चाहिए, ताकि ‘लड़कियों की टांगें न दिख पाएं’.
सिंघल का दावा था कि उनकी इस मांग को तालिबानी सोच या लड़कियों की आजादी पर पाबंदी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि वो ऐसा लड़कियों की सुरक्षा के लिए कह रहे थे.
जमाते इस्लाम हिंद के बयान में भी शैक्षिक संस्थानों से लड़कियों के लिए ‘शालीन ड्रेस’ लागू करने को कहा गया.
2. 'ओवरकोट पहनिए'
पॉन्डिचेरी सरकार ने स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को आदेश दिया है कि वो ओवरकोट पहनें. इतना ही नहीं, इस केंद्र शासित प्रदेश में लड़कियों को अलग स्कूल बसों में चलना होगा.बहुजन समाज पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क का कहना है, “महिलाएं जिस तरह से कपड़े पहनती हैं, उनसे युवक अपराध करने को आमादा होते हैं. यूरोपीय अंदाज के कपड़े पहनने से देश में अपराध बढ़ रहे हैं. महिलाओं में पहले जो शालीनता थी वो अब नहीं है.”
लेकिन महिला सामाजिक कार्यकर्ता सुधा सुंदरामन का कहना है कि कपड़ों का अपराध से कोई लेना देना नहीं है, बल्कि इसके लिए आपराधिक मानसिकता जिम्मेदार है.
3. 'सिर्फ रिश्तेदारों के साथ बाहर जाएं'
विवादास्पद सुझावों की झड़ी में महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी का बयान भी शामिल है.उन्होंने कहा, “अगर आप पेट्रोल और आग को एक साथ रखेंगे तो आग लगेगी ही. ‘नंगेपन’ को रोकने के लिए कानून बनना चाहिए.” वो भारत में मौजूदा स्थिति के लिए फैशन और नग्नता को दोषी मानते हैं.
आजमी ने कहा, “मैं दिल्ली के बलात्कारियों के लिए मौत की सजा चाहता हूं, लेकिन ये भी कानून बने कि लड़कियां कम कपड़ने न पहनें और वो ऐसे लड़कों के साथ न घूमें जो उनके रिश्तेदार न हो.” वैसे आंकड़े बताते हैं कि बहुत से मामलों में रिश्तेदार ही बलात्कार करते हैं.
4. 'मोबाइल फोन मत रखिए'
पॉन्डिचेरी की सरकार भी स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है.
वहीं बिहार के सीवान जिले में हसनपुरा थाना अंतर्गत सिसवां कला पंचायत में पंचों ने सर्वसम्मति से निर्णय लेकर छोटी और स्कूल कालेज जाने वाली लड़कियों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग और छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया.
5. 'चाऊमीन न खाएं, ग्रह संभालें'
इस पूरी बहस में खाप पंचायत के एक नेता ने देश में बलात्कार के लिए चाऊमीन को जिम्मेदार बताया.खाप नेता जिंतेंद्र छत्तर ने कहा, “मुझे लगता है कि फास्ट फूड खाने से ऐसा हो रहा है. चाऊमीन खाने से शरीर में होने वाले हार्मोन के असंतुलन से ऐसी गतिविधियों में शामिल होने को बढ़ावा मिलता है.”
वहीं छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ननकी राम कंवर का कहना था, "व्यक्ति को तभी नुकसान होता है जब उसके ग्रह ठीक न चल रहे हो. हमारे पास इसका कोई जवाब नहीं है, सिर्फ ज्योतिषी ही कुछ बता सकता है.”
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