24.7.13

Mulnivasi Nayak - Voice Of Liberation, Daily News Paper








Dalay Hindi newspaper Mulnivasi Nayak - Rahul verma Madhan Garh







नेता, सत्ता और 'सेक्स'

नेता, सत्ता और 'सेक्स'

Wednesday, July 17, 2013, 18:35
नेता, सत्ता और 'सेक्स'रामानुज सिंह
एक बार फिर सेक्स स्कैंडल ने राजनीति और सत्ता को शर्मसार किया है। इस बार मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री राघवजी लपेटे में आए हैं। राधवजी पर नौकर के साथ अप्राकृतिक यौन शोषण का आरोप लगा है जिसके चलते उन्हें अपना मंत्री पद गंवाने के साथ उनके 55 साल के राजनीतिक करियर पर ऐसा बदनुमा दाग लग गया है जिसे मिटाना नामुमकीन है। ऐसा पहली बार नहीं है कि राजनेता का नाम सेक्स स्कैंडल से जुड़ा हो। इससे पहले भी कई राज्यों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं के नाम सेक्स स्कैंडल से जुड़ते रहे हैं। दरअसल नेता अय्याशी के इस भवंरजाल में अचानक नहीं आते हैं। इसकी पृष्टभूमि क्रमबद्ध तरीके से तैयार होती है।

जब नेता सत्ता पर काबिज होते हैं, उनमें से कुछ एक सत्ता का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति इकट्ठा कर लेते हैं। इस अवैध संपत्ति से अपनी जरूरतों को पूरा करने के बाद उनका ध्यान विलासिता और अय्याशी की ओर जाता है। अय्याशी में सेक्स का भी महत्वपूर्ण स्थान है जिसकी पूर्ति के लिए अपने धन और सत्ता का बेजा इस्तेमाल करते हैं। पैसा और सत्ता के बल पर इस अय्याशी में शामिल होने वाले नेताओं की कमी नहीं है। सत्ता के मद में ये नेता सही क्या है और गलत क्या है, यह भूल जाते हैं। और फिर अपनी स्वच्छ और सार्वजनिक छवि ख़राब कर बैठते हैं। कई बार इन्हें अपनी गलती का अहसास होता है तो जनता से माफी मांग लेते हैं। कई राजनेता सेक्स स्कैंडल में फंसे हैं। हालांकि इनकी फेहरिस्त लंबी है पर कुछ की चर्चा करना यहां लाजमी होगा।

2011 में राजस्थान सरकार के वरिष्ठ मंत्री महिपाल मदेरणा के भंवरी देवी के साथ सेक्स टेप उजागर होने से राजनीतिक महकमे में भूचाल आ गया था। महिपाल मदेरणा पर भंवरी देवी की हत्या करने का आरोप है। यह सेक्स टेप भंवरी देवी के इशारे पर ही बनवाए गए थे। वह इससे मदेरणा को ब्लैकमेल करना चाहती थी। बाद में भंवरी देवी की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। मदेरणा जेल में हैं।

पूर्व एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड मामले के मुख्य आरोपी सिरसा के विधायक और हरियाणा सरकार में रहे मंत्री गोपाल कांडा का नाम सामने आया। खबरों के मुताबिक गीतिका का गोपाल कांडा से अंतरंग संबंध थे इसलिए वह शादी करना चाहती थी, लेकिन कांडा शादी के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था।

साल 2012 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी को पितृत्वं केस में तगड़ा झटका लगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर यह कहा है कि एन डी तिवारी ही रोहित शेखर के पिता हैं। डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक एनडी तिवारी ही रोहित शेखर के जैविक पिता साबित हुए।

भाजपा के विधायक ध्रुव नारायण सिंह भी सामाजिक कार्यकर्ता दिवंगत शेहला मसूद सहित अन्य महिलाओं से अंतरंग संबंधों के कारण चर्चा में रहे हैं। पिछले दिनों भोपाल में राई नृत्य की आड़ में समाजवादी पार्टी के कुछ बड़े नेताओं ने नाबालिग लड़कियों से अश्लील डांस करवाया।

बिहार के पूर्णिया से भाजपा विधायक राजकिशोर केसरी की हत्या 4 जनवरी 2011 को शिक्षिका रूपम पाठक ने उनके आवास पर ही चाकू मारकर कर दी थी। इस मामले में भी सेक्स स्कैंडल ही सामने आया। पाठक ने कोर्ट में बताया कि राजकिशोर और उसके अंगरक्षकों की उसकी जवान बेटी पर बुरी निगाह थी जिसकी वजह से उसको यह कदम उठाना पड़ा था।

पिछले साल कांग्रेस के प्रवक्ताह अभिषेक मनु सिंघवी की सीडी इंटरनेट पर आई तो राजनीति में हड़कंप मच गया। सिंघवी की सीडी पर जमकर बवाल हुआ। सीडी में सिंघवी को कथित रूप से एक महिला के साथ दिखाया गया है। देश के तमाम बड़े टेलीविजन चैनलों पर अभिषेक मनु सिंघवी की कथित `सेक्स सीडी` बहस का मुद्दा बना। सीडी विवाद में फंसने के बाद सिंघवी ने कार्मिक, लोक शिकायत एवं कानून और न्याय मामलों की संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

कवयित्री मधुमिता शुक्ला और उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के रिश्ते भी जगजाहिर हैं। मधुमिता की मई 2003 में उसके घर पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम हुआ तो चौंकाने वाली खबर सामने आई। मधुमिता गर्भवती थी। शक की सुई अमरमणि त्रिपाठी की ओर गई। हत्या के पीछे की वजह यह बताई गई कि मधुमिता अमरमणि से गर्भवती हो गई थी। फिलहाल अमरमणि जेल में हैं।

उत्तर प्रदेश के एक और तत्कालीन मंत्री आनंद सेन की जिंदगी में भी एक लड़की आई। वह लॉ की छात्रा शशि थी। शशि अपने ख्वाब को पूरा करने के लिए आनंद सेन के करीब आई। शशि विधायक बनाना चाहती थी। इसी मकसद से वह आनंद सेन के करीब आई। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं, लेकिन 22 अक्टूबर 2007 को शशि गायब हुई। लंबी छानबीन और धड़पकड़ के बाद पता चला कि वह इस दुनिया से जा चुकी है। उसकी हत्या हो गई है।

सेक्स स्कैंडल में सिर्फ भारत के ही राजनेता नहीं फंसे हैं बल्कि दूसरे देशों के नेता भी इस गिरफ्त में आ चुके हैं। इसमें चीन के नेताओं से लेकर इटली के प्रधानमंत्री तक शर्मसार हो चुके हैं। चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता का सेक्स वीडियो सार्वजनिक होने के बाद काफी हो-हल्ला मचा। वीडियो में इस पदाधिकारी को एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था। 20 नवंबर, 2012 को चीन का ट्विटर माने जाने वाले साइनो वीबो पर पोस्ट हुए सेक्स वीडियो ने चीन की राजनीति में भूचाल ला दिया था। लेई झेंगकेऊ को सेक्स स्कैंडल मामले में 13 साल की सजा सुनाई गई है। इस सेक्स वीडियो में शामिल नेता को वीडियो पोस्ट होने के 63 घंटे बाद ही अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति क्लिंटन 23 मई, 2012 को मोनाको में दो पोर्न स्टार्स के साथ तस्वीर खिंचवाते हुए दिखे, पोर्न स्टार ब्रूकलिन ली ने इस तस्वीर को ट्वीट किया था। इस तस्वीर में क्लिंटन के साथ पोर्न स्टार ताशा रेन एवं एक अन्य महिला शामिल थी। ट्विटर के जरिए इस तस्वीर के सार्वजनिक होने के बाद क्लिंटन को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। इससे पहले अपने शासनकाल में मोनिका लेवेंस्की के साथ सेक्स संबंधों का खुलासा होने के कारण भी क्लिंटन को काफी बदनामी हुई थी।

इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी की बुंगा बुंगा पार्टी की तस्वीरें सामने आने के बाद उनका राजनीतिक करियर चौपट हो गया। बर्लुस्कोनी पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पैसे और ज्वैलरी के बदले 17 साल की डांसर करीमा अल माहरोग के साथ और सिर्फ दो महीने में 32 अन्य महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाए। बर्लुस्कोनी पर बुंगा बुंगा सेक्स पार्टी में पैसे देकर लड़कियों को नचाने के भी कई आरोप हैं।

देश हो या विदेश, राष्ट्रीय पार्टियां हो या प्रांतीय, सत्ता हासिल होते ही कुछ जनप्रतिनिधि जनसेवा की बात भूलकर अय्याशी में लिप्त हो जाते हैं और उसे प्राप्त करने के लिए सारे हथकंडे अपनाते हैं। इससे राजनीति और सरकार बदनाम होती है। साथ ही इन रहनुमाओं और राजनीति पर से जनता का भरोसा उठ जाता है।

`गांवों में 27 रुपये खर्च करने वाला व्‍यक्ति गरीब नहीं`


`गांवों में 27 रुपये खर्च करने वाला व्‍यक्ति गरीब नहीं`

Wednesday, July 24, 2013, 10:47`गांवों में 27 रुपये खर्च करने वाला व्‍यक्ति गरीब नहीं`नई दिल्ली : प्रति व्यक्ति खपत के आधार पर देश की आबादी में गरीबों का अनुपात 2011-12 में घटकर 21.9 प्रतिशत पर आ गया। यह 2004-05 में 37.2 प्रतिशत पर था। योजना आयोग ने एक प्रकार से अपने पूर्व के विवादास्पद गरीबी गणना के तरीके के आधार पर ही यह आंकड़ा निकाला है।

योजना आयोग के अनुसार, तेंदुलकर फार्मूला के तहत 2011-12 में ग्रामीण इलाकों में 816 रुपये प्रति व्‍यक्ति प्रति माह से कम उपभोग करने वाला व्यक्ति गरीबी की रेखा के नीचे था। शहरों में राष्ट्रीय गरीबी की रेखा का पैमाना 1,000 रुपये प्रति प्रति व्यक्ति प्रति माह का उपभोग है।

इसका मतलब है कि शहरों में प्रतिदिन वस्तु और सेवा पर 33.33 रुपये से अधिक खर्च करने वाला और ग्रामीण इलाकों में 27.20 रुपये खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। इससे पहले आयोग ने कहा था कि शहरी इलाकों में प्रतिदिन 32 रुपये से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। उसकी इस गणना से काफी विवाद पैदा हुआ था। योजना आयोग ने आज जो गरीबी का आंकड़ा दिया है वह उसी गणना के तरीके पर आधारित है। इसमें कहा गया है कि पिछले सात साल में देश में गरीबों की संख्या घटी है।

आयोग ने कहा कि पांच व्यक्तियों के परिवार में खपत खर्च के हिसाब से अखिल भारतीय गरीबी की रेखा ग्रामीण इलाकों के लिए 4,080 रुपये मासिक और शहरों में 5,000 रुपये मासिक होगी। हालांकि, राज्य दर राज्य हिसाब से गरीबी की रेखा भिन्न होगी।