स्वर्ण जीतने आया, कांस्य ही मिला: योगेश्वर
रविवार, 12 अगस्त, 2012 को 08:19 IST तक के समाचार
लंदन ओलंपिक में भारत के लिए
पांचवा पदक हासिल करने वाले पहलवान योगेश्वर दत्त को मलाल हैं कि वो स्वर्ण
पदक नहीं जीत पाए, हालांकि उन्हें खुशी है कि वो कम से कम कांस्य पदक तो
जीत ही गए हैं.
कांस्य पदक जीतने के बाद योगेश्वर ने दत्त ने बीबीसी संवाददाता पंकज प्रियदर्शी
से बातचीत में कहा, “ मैं यहां गोल्ड मेडल के लिए आया था, मैं रुस के
पहलवान के हाथों हार गया, मुझे इस बात का दुख है लेकिन खुशी भी है कि कम से
कम कांस्य पदक तो जीत पाया. मैंने जितनी मेहनत की थी ये उससे कम है लेकिन
मुझे खुशी इस बात की है कि मैंने देश के लिए पदक जीता.”
योगेश्वर ने कहा कि ये उनका तीसरा ओलंपिक था और उन्होंने इसके लिए कडी़ मेहनत की थी.
इस मौके पर योगेश्वर ने देशवासियों को धन्यवाद भी दिया,“मैं देशवासियों का शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने मेरे लिए इतनी दुआएं की. इसी का नतीजा है कि मैं पदक जीत पाया और भगवान ने भी मेरा बहुत साथ दिया. सारा देश चाहता था कि मैं पदक हासिल करुं और मुझे खुशी है कि मैं कर पाया.”
योगेश्वर दत्त ने रैपचेज़ दौर के दो मुकाबलों में जीत दर्ज करते हुए कांस्य पदक मुकाबले में जगह बनाई और उत्तर कोरिया के पहलवान को हराते हुए कांस्य पदक जीता.
योगेश्वर का आखिरी ओलंपिक
"मेरा मुकाबला उतार चढ़ाव भरा ज़रुर रहा लेकिन मुझे भरोसा था कि मैं जीतूंगा ज़रुर."
योगेश्वर दत्त
इसके बाद योगेश्वर को हराने वाले रुसी पहलवान फ़ाइनल मुकाबले में पहुंचने के लिए कामयाब रहे और योगेश्वर को कांस्य पदक के लिए मुकाबला खेलने का मौका मिला.
रिपीचेज़ में कांस्य पदक मुकाबले तक पहुंचने के लिए योगेश्वर ने दो मुकाबले जीते.
पहले मुकाबले में प्यूर्तो रिको के पहलवान को हराया जबकी दूसरे मुकाबले में ईरान के पहलवान को मात देते हुए कांस्य पदक के मुकाबले के लिए जगह बनाई.
ओलंपिक में जाने से पहले योगेश्वर ने कहा था कि ये उनका आखिरी ओलंपिक होगा और वो इसके लिए अपनी पूरी जान लगा देगें.
ये ओलंपिक इतिहास में कुश्ती में भारत के लिए तीसरा पदक रहा.
इससे पहले 1952 के ओलंपिक खेलों में भारत के खशब जाधव ने कांस्य पदक जीता था जबकि 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार भारत के लिए कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहे थे.
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