30.5.12

पत्रिका

‘लाल’ माओवादियों की ‘काली कमाई’

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naxalsदेश भर में सरकार विरूद्ध अभियान चलाने के लिए और लाखों की संख्या में कार्यरत “कामरेडों” के भरण पोषण और हथियारों के लिए माओवादियों को पैसा कहाँ से मिलता है?
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द्वितीय विश्वयुद्ध : 70 साल की हुई भयानक त्रासदी

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world-war1 सितम्बर 1939 सुबह 4:45 का समय था. जर्मनी की एक बैटलशिप पोलेंड के डांज़िंग के किले की शुभेच्छा मुलाकात के लिए आई थी. पोलेंडवासियों और अधिकारियों को कोई अनुमान नहीं था कि क्या होने वाला है. अचानक इस बैटलशिप ने गोले उगलने शुरू कर दिए और द्वितीय विश्वयुद्ध छिड़ गया. इस युद्ध ने जापान से लेकर अमेरिका तक को प्रभावित किया. हिटलर की नाज़ी सेनाएँ शुरूआती सफलता पाती गई और अंतत: जब हारी तो देश दो फाड़ हो गया था.

द्वितीय विश्वयुद्ध ने 5 करोड़ लोगों को प्रभावित किया था, अधिकतर मारे गए थे या फिर गम्भीर रूप से घायल हुए थे. त्रासदी यह है कि इनमें से अधिकतर आम लोग थे. इतनी बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की यह पहली घटना है.

1 सितम्बर 1939 को जब जर्मन सेनाओं ने पोलेंड पर आक्रमण किया था तो फ्रांस, ब्रिटेन और कोमनवैल्थ देशों की सेनाओं ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया था लेकिन यह सच है कि इन देशों ने पोलेंड की कुछ खास सहायता नहीं की थी, फलस्वरूप पोलेंड ने जल्द ही जर्मनी के आगे घुटने टेक दिए थे.
इसके बाद जर्मनी के कदम बढते ही गए और डेनमार्क और नोर्वे पर जीत हासिल करने के बाद नाज़ी सेनाओं का अगला लक्ष्य रूस की तरफ हो गया. और इतिहासकार इसी को हिटलर की सबसे बड़ी भूल मानते हैं.
22 जून, 1941 को जर्मनी ने इटली, रोमानिया, हंगेरी, स्लोवेनिया और फिनलैंड के साथ मिलकर रूस पर हमला कर दिया था और इससे मित्र देशों को एक नया साथी मिल गया.
अमेरिका शुरू में इस युद्ध का हिस्सा नहीं था, लेकिन धीरे धीरे वह भी इस युद्ध में शामिल हो गया. युद्ध 6 साल तक चला था और इस दौरान अमेरिका में रिलीज हुई करीब 1500 फिल्मों में से 25% तक फिल्में युद्ध आधारित थी. कहा जाता है कि उस काल में करीब 10 करोड़ लोगों ने सिनेमाघरों में जाकर फिल्में देखी थी और इससे जो बॉक्स ऑफिस कमाई हुई थी वह आज भी एक रिकार्ड है.

6 साल बाद नाजी सेनाओं के घुटने टेकने के बाद जब युद्ध समाप्त हुआ तो विश्व में तुरंत ही शांति की स्थापना नहीं हो गई थी. युद्ध समाप्त होने पर अन्य कई विवाद और विद्रोह फट निकले थे. चीन में संघर्ष हुए. ग्रीस में एंग्लो अमेरिकन लोगों और वामपंथ समर्थकों के बीच गृहयुद्ध छिड़ गया था. जर्मनी दो भागों में विभाजित हुआ. उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर आक्रमण किया, आदि.
इस युद्ध ने करीब 1.2 करोड़ यहुदी लोगों को मजदूरी करने पर मजबूर कर दिया था. ये वे लोग थे जो कभी पूर्वी यूरोप के व्यापारी हुआ करते थे. जर्मन सेनाओं ने उनको अमानवीय यातनाएँ दी.

द्वितीय विश्वयुद्ध दुनिया का सबसे भयानक युद्ध था. इसकी प्रासंगिकता आज 70 साल बाद भी बनी हुई है.

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