पाषाण युग में होती थी बड़ी शल्य चिकित्साएँ
2005 मे पेरिस से 40 मील दूर बथीरस-बोलनकॉर्ट स्थान पर पुरातत्वशाष्त्रिओं को एक हाडपिंजर मिला था. माना जाता है कि उस व्यक्ति को करीब 7000 वर्ष पहले दफनाया गया होगा. उस हाडपिंजर का परीक्षण करने पर पता चला कि उसकी जटिल शल्य चिकित्सा की गई थी और उसके बाद वह सामान्य जीवन भी जी रहा था. विशेषज्ञों के अनुसार किसी तीक्ष्ण औजार से उस व्यक्ति की हमरेस हड्डी को काट कर निकाल दिया गया था. उस व्यक्ति को सम्भवत ओस्टियोरथराइटस की बिमारी थी.
शल्य चिकित्सा के लिए उसे बेहोश भी किया गया होगा और इसके लिए उस समय के लोग दर्द निवारक पौधे जैसे कि हैल्लुसिनोजेनिक दतुरा का उपयोग करते होंगे. इसके अलावा घावों पर मरहम लगाने के लिए भी विभिन्न वनस्पतियों का उपयोग होता होगा.
परीक्षण के दौरान यह पता चला कि शल्य चिकित्सा की वजह से उस व्यक्ति को कोई इंफेक्शन नहीं लगा था और अपनी शल्य चिकित्सा के बाद वह व्यक्ति सामान्य जीवन जी रहा था. इससे पता चलता है कि पाषाण युग में भी शल्य चिकित्सा काफी उन्नत रही होगी.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.