23.2.13

व्हेल को भी चाहिए शांति और सुकून

 शनिवार, 23 फ़रवरी, 2013 को 22:01 IST तक के समाचार

अमरीका के बोस्टन शहर में इन दिनों एक अहम वैज्ञानिक सम्मेलन हो रहा है जिसमें समंदर को व्हेलों के लिए एक शांत जगह बनाने की कोशिश हो रही है.
सागरों में चलने वाले विशाल जहाज़ों से इनता शोर हो रहा है कि इन विशाल स्तनपायी जीवों को न सिर्फ खाना, बल्कि अपने साथी तलाशने में भी मुश्किलें हो रही है.
शोर के कारण व्हेल मछलियों के बीच होने संचार और संपर्क बेहद प्रभावित हो रहा है. व्हेलों की संख्या में चिंताजनक स्तर तक गिरावट आ चुकी है.
वुड्स होल ओशनोग्राफिक इंस्टीट्यूट में व्हेलों का अध्ययन करने वाले डॉ. मार्क बाउमगार्टनर का मानना हैं कि व्हेलों की संख्या में हो रही कमी की एक बड़ी वजह समुद्री जहाज़ों से होने वाला शोर है.
"ये कुछ ऐसा है कि आप किसी कॉकटेल पार्टी में बात कर रहे हों. आप वहां सामान्य आवाज में बात नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वहां पीछे से बहुत सी और आवाजें आती रहती हैं. कभी कभी तो कुछ सुनाई नहीं देता. बहुत सी व्हेल भी कुछ इसी तरह के हालात का सामना कर रही हैं."
डॉ. बाउमगार्टन
बोस्टन में चल रही साइंस कांफ्रेस में पेश किए गए शोध पत्रों से पता चलता है कि पिछले तीस वर्षों के दौरान जहाज़ों से होने वाला शोर हर एक दशक में दुगना हो रहा है.
डॉ. बाउमगार्टन का कहना हैं, “ये कुछ ऐसा है कि आप किसी कॉकटेल पार्टी में बात कर रहे हों. आप वहां सामान्य आवाज में बात नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वहां पीछे से बहुत सी और आवाजें आती रहती हैं. कभी कभी तो कुछ सुनाई नहीं देता. बहुत सी व्हेल भी कुछ इसी तरह के हालात का सामना कर रही हैं.”

जहाज़ से टकराना

लेकिन मामला सिर्फ संपर्क या संचार में बाधा या अवरोध तक सीमित नहीं हैं. समुद्री पोत व्हेल मछलियों से टकरा भी रहे हैं.
अमरीका के नेशनल ओशिनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन यानी राष्ट्रीय सागर और पर्यावरण प्रशासन के लिए काम कर रहे डेवि विली कहते हैं, “कई बार ऐसा होता है कि जहाज़ और व्हेल एक साथ हो जाते हैं और उनके बीच टक्कर की संभावना होती है और इसमें व्हेलों को ही नुकसान उठाना पड़ता है”.
कई बार उन जगहों से व्हेल के शव मिलते हैं, जहां वो जहाज़ से टकरा जाती हैं. फिर वैज्ञानिक उनकी मौत का कारण जानने की कोशिश करते हैं. उन्हें बहुत सी टूटी हुई हड्डियां और गंभीर घाव मिलते हैं जो जहाज़ के टकराने से होते हैं.
सागर में अक्सर ये व्हेल जहाज़ों से टकरा जाती हैं और मारी जाती हैं.
विली का कहना हैं, “इस इलाके में इस तरह साल भर में एक या दो व्हेल मारी जाती हैं. हो सकता है कि ये आपको ज्यादा न लगे लेकिन अगर दुनिया भर में ऐसे 500 जीव बचे हों, वजह चाहे जो तो उनकी संख्या घटना वाकई चिंता की बात है.”
डेव विली जहाज़रानी कंपनियों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं ताकि इस समस्या का हल तलाशा जा सके.

विकल्प

वो इन कंपिनयों को अपने जहाज़ों का मार्ग बदलने के लिए राजी करने में कामयाब रहे हैं जिसके परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं.
बोस्टन के हार्बर पायलट एसोसिएशन यानी पोत चालक संघ से जुड़े एंडी हैमोंड अपने आईपैड में एक एप्लिकेशन के बारे में बताते हैं जो ये तुरंत बता सकता है कि अमरीका के समूचे पूर्वी तट के आस पास पानी में कहां-कहां व्हेल मछलियां हैं और इस तरह पोत उनसे बच कर निकल सकते हैं.
वैज्ञानिक, पर्यावरण संरक्षण समूह और उद्योग जगत व्हेलों के लिए परिस्थितियां बेहतर बनाने के लिए मिज जुल कर काम कर रहे हैं.
जब से यो पहल शुरू की गई है तब से कोई पोत व्हेल से नहीं टकराया है. साथ ही ये भी उम्मीद की जा सकती है कि उनकी जिंदगी में शोर कम हुआ होगा और मछलियां एक बार फिर एक दूसरे से आराम से बात कर सकती हैं.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.