मनमोहनी अर्थशास्त्र : हर भारतीय के सर है 33 हजार का कर्ज
केन्द्र को आई फिजूलखर्ची रोकने की सुध
| प्रियंका श्रीवास्तव , नई दिल्ली |
देश के हर नागरिक के सर पर 33 हजार का
कर्ज डालने के बाद अब केंद्र सरकार को फिजूलखर्ची रोकने की सुध आई है।
केंद्र ने सरकारी विभागों में खर्च पर अंकुश लगाने का अभियान शुरू किया है।
वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों से मौजूदा वित्तवर्ष के
दौरान गैर-योजना खर्च में दस प्रतिशत कटौती करने को कहा है।
वित्त मंत्रालय ने सरकारी विभागों में नए
पदों के सृजन, पांच सितारा होटलों में बैठकों और सम्मेलनों के आयोजन और नए
वाहनों की खरीद पर रोक लगा दी है। अधिकारियों की विदेश यात्राओं में भी कमी
करने को कहा गया है। खर्च प्रबंधन-किफायती उपाय और खर्च को तर्कसंगत बनाने
के बारे में जारी किए गए कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि विदेश में
प्रदर्शनियों, सेमिनारों और सम्मेलनों के आयोजन न किए जाएं।
वित्त मंत्रालय के आदेश में ये भी कहा गया
है कि वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के दौरान खरीद-फरोख्त पर भारी खर्च से
बचा जाना चाहिए और ऐसा वित्त वर्ष के अंतिम महीने में बिल्कुल नहीं किया
जाना चाहिए। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि मंत्रालयों और विभागों के
सचिवों को खर्च में कटौती के उपाय सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी सौंपी
गई है।
उधर, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा
है कि सरकार आर्थिक विकास में सुधार लाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। श्री
मुखर्जी ने वर्ष २०११-१२ के दौरान विकास दर के घटकर छह दशमलव पांच प्रतिशत
के पिछले नौ साल के निचले स्तर पर आने को निराशाजनक बताया है।
कल एक बयान में उन्होंने कहा कि आर्थिक
मोर्चे पर और चालू खाते के मामले में असंतुलन को दूर करने के लिए सरकार सभी
आवश्यक उपाय करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे मुद्रास्फीति बढ़ने की
संभावनाएं कम होंगी और पूंजी के प्रवाह में वृद्धि के साथ-साथ घरेलू निवेश
बढ़ने के बारे में विश्वास पैदा होगा।
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