26.7.12

लखनऊ में माया की मूर्ति तोड़ी

 
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की संगमरमर से बनी एक मूर्ति को तोड़ दिया गया है। इस मूर्ति के सिर और हाथ तोड़ दिए गए हैं। वहां मौजूद गार्ड ने बताया कि चार लड़के अचानक पहुंचे और हथौड़े से वार कर मूर्ति का सिर और हाथ तोड़ दिया। चारों ने लाल रंग की टोपी पहन रखी थी।

मूर्ति को तोड़े जाने के बाद कानून और व्यवस्था भंग होने की आशंका के मद्देनज़र काफी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। उधर, मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से संयम बरतने और शांति बनाए रखने की अपील की है।

यह उन अनेक मूर्तियों में से एक है, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान लगवाया था। उनके द्वारा लगवाई गई सभी मूर्तियों में उनके हाथ में हमेशा एक पर्स दिखाया जाता रहा है, और इस वारदात में मूर्ति के हाथ से पर्स भी गिरा दिया गया है।

यह मूर्ति लखनऊ के उस अम्बेडकर मेमोरियल पार्क के बाहर लगी है, जिसे दलितों के नेता तथा मायावती के संरक्षक माने जाते रहे कांशीराम की याद में बनाया गया था।

पूर्व मुख्यमंत्री की मूर्ति खंडित कर दिए जाने की सूचना पर मौके पर पहुंचे गृह विभाग के प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव, पुलिस महानिदेशक अम्बरीश चन्द्र शर्मा ने कहा है कि सरकार ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है और दोषियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जाएगी।

बीएसपी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति की जानकारी ली और मूर्ति तोड़े जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए सरकार से मांग की कि मूर्ति यथाशीघ्र ठीक करवाई जाए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। मौके से उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना नाम के एक संगठन के पर्चे मिले हैं, जिससे यह घटना उसके कार्यकर्ताओं की कारस्तानी लगती है।

उल्लेखनीय है कि दिन में ही संगठन के पदाधिकारियों ने मीडिया से कहा था कि यदि प्रदेश सरकार 72 घंटे के भीतर लखनऊ और नोएडा में लगी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्तियों को हटवा नहीं देती, तो सेना के कार्यकर्ता स्वयं ही उन्हें हटा देंगे।

निर्माण सेना के एक पदाधिकारी अमित ने कहा था, मायावती एनआरएचएम घोटाले, भट्टा पारसौल में किसानों पर हुई फायरिंग और अन्य तमाम जनविरोधी कृत्यों के लिए जिम्मेदार है, उनकी मूर्तियां 72 घंटे के भीतर हटा दी जानी चाहिए और यदि प्रदेश सरकार ऐसा नहीं करती तो यह काम सेना के कार्यकर्ता स्वयं करेंगे।

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