21.8.12

नासा के मंगल मिशन को लगा झटका

 बुधवार, 22 अगस्त, 2012 को 05:32 IST तक के समाचार

 क्यूरियोसिटी
क्यूरियोसिटी ने दो सप्ताह पहले मंगल ग्रह पर लैंड किया था
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को मंगल ग्रह पर भेजे अपने क्यूरियोसिटी रोवर मिशन में पहला झटका लगा है.
नासा का कहना है कि रोबोट के सेंसर सर्किट को नुकसान पहुँचा है. इसी सेंसर सर्किट से हवा की रीडिंग ली जाती है.
हालाँकि मिशन टीम ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि ये कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है. इससे कुछ मापन में कमी आएगी, लेकिन इससे काम नहीं रुकेगा.
अभी ये निश्चित नहीं हो पाया है कि ये नुकसान कैसे पहुँचा. लेकिन इंजीनियरों को संदेह है कि रॉकेट से संचालित क्यूरियोसिटी की लैंडिंग के समय सतह के पत्थर इधर-उधर उछलकर सर्किट से टकरा गए होंगे और फिर उसे नुकसान पहुँचा होगा.
वैसे नासा इस मिशन की बेहतरीन शुरुआत के बीच निराशा की इस खबर को अलग-थलग करके देख रहा है. इस मामले की जाँच कर रहे प्रमुख जाँचकर्ता जेवियर गोमेज़ एल्वीरा ने उम्मीद जताई है कि इस मसले के हल का कोई अच्छा रास्ता निकाल लिया जाएगा.

जाँच

उन्होंने पत्रकारों को बताया, "हम इसकी कोशिश कर रहे हैं कि ये सेंसर सर्किट जितना संभव हो उतना काम कर सके."
दो सप्ताह पहले ही क्यूरियोसिटी ने भूमध्यवर्तीय गाले क्रेटर पर लैंड किया था. क्यूरियासिटी को मार्स साइंस लेबोरेटरी या एमएसएल के नाम से भी जाना जाता है.
ये मंगल ग्रह पर कम से कम दो पृथ्वी वर्ष तक काम करेगा. इसका काम इस ग्रह पर सूक्ष्मजीव के रहने लायक परिस्थितियों के सबूत तलाश करना है.
क्यूरियोसिटी की लैंडिंग के बाद सभी चीजों की जाँच-पड़ताल का काम करीब-करीब पूरा होने वाला है. इस जाँच के क्रम में उपकरणों की पड़ताल और उनका संचालन शामिल है और इसी क्रम में सेंसर सर्किट में समस्या का पता चला.
इस रोवर परियोजना में मौसम स्टेशन स्पेन का योगदान है. ये सेंसर सर्किट हवा और सतह का तापमान, हवा का दबाव, नमी, हवा की गति और दिशा के साथ-साथ सतह पर आने वाली पराबैगनी विकिरण की मात्रा के आँकड़े भी इकट्ठा करता है.
जाँच से ये भी पता चला है कि सेंसर सर्किट के कुछ तारों को नुकसान पहुँचा है, जो खुले हुए हैं और ये समस्या स्थायी है. क्यूरियोसिटी से मिलने वाले अन्य सभी जानकारी सही लग रही है.

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