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भारत का गेहूं विश्व बाजार में सबसे सस्ता

 आर एस राणा नई दिल्ली   |   Last Updated 03:16(16/07/12)

 
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विदेश में तेजी
रूस और आस्ट्रेलिया में उत्पादन कम होने और अमेरिका में सूखे की स्थिति के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के दाम बढ़े

केंद्रीय पूल से पहली खेप में तीन लाख टन गेहूं निर्यात होगा

रूस और ऑस्ट्रेलिया में गेहूं का उत्पादन कम रहने का अनुमान है। इसका फायदा भारत को मिल सकता है। भारत का गेहूं विश्व बाजार में सबसे सस्ता है। इस अनुकूल माहौल में गेहूं निर्यात करने के लिए सरकारी कंपनियों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्रीय पूल से पहली खेप के तहत तीन लाख टन गेहूं निर्यात करने की योजना है।

इसमें से 1.90 लाख टन गेहूं निर्यात के लिए सार्वजनिक कंपनियों एसटीसी और पीईसी ने निविदाएं मांगी हैं। एसटीसी ने एक लाख टन और पीईसी ने 90,000 टन गेहूं के निर्यात के लिए विदेशी आयातकों से निविदा मांगी है। एमएमटीसी भी जल्द ही 1.10 लाख टन गेहूं निर्यात के लिए निविदा आमंत्रित करेगी।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में आई तेजी से निर्यात का उपयुक्त समय है। इसलिए पहली खेप में तीन लाख टन गेहूं का निर्यात सार्वजनिक कंपनियों एसटीसी, पीईसी और एमएमटीसी के माध्यम से करने की योजना है। एसटीसी और पीईसी ने गेहूं निर्यात के लिए निविदा मांग ली है जबकि एमएमटीसी भी जल्द ही निर्यात के लिए निविदा आमंत्रित करेगी।

उन्होंने बताया कि सरकार ने तीन जुलाई को केंद्रीय पूल से 20 लाख टन गेहूं निर्यात करने की अनुमति दी थी। गेहूं निर्यात के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 228 डॉलर प्रति टन रखा था। जबकि इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम 300 से 325 डॉलर प्रति टन है।

एसटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय पूल से गेहूं के निर्यात के लिए एक लाख टन की निविदा मांगी गई है। निर्यात मूंदड़ा बंदरगाह से होगा तथा विदेशी आयातक ही इसमें भाग ले सकते हैं तथा निविदा भरने की अंतिम तिथि तीन अगस्त 2012 है। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा पूर्व में मांगी गई निविदा को निरस्त कर दिया गया है। पीईसी लिमिटेड ने भी 90,000 टन गेहूं निर्यात के लिए निविदा मांगी है तथा पीईसी कांडला बंदरगाह से निर्यात करेगी।

गेहूं के विश्लेषक टी. पी. एस. नारंग ने बताया कि रूस और ऑस्ट्रेलिया में गेहूं उत्पादन में कमी आने की आशंका है जबकि अमेरिका में सूखे की स्थिति बनी हुई है। रूस ने पिछले सीजन में 220 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था जबकि चालू सीजन में 1 से 1.20 लाख टन ही निर्यात होने की संभावना है। उधर, ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल 160 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था जबकि चालू सीजन में 1.20 लाख टन ही निर्यात की संभावना है। इसीलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़े हैं।

ऑस्ट्रेलियाई गेहूं का दाम 321 डॉलर, यूक्रेन का 308 डॉलर और रूस का 310 डॉलर प्रति टन (एफओबी) भाव है। जबकि भारतीय निर्यातक इस समय 310 से 325 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) की दर से निर्यात कर रहे हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय गेहूं अन्य देशों के मुकाबले सस्ता है।

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