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महंगाई के आंकड़े और रिलायंस के नतीजे पर रहेगी नजर

Source: एलेक्स मैथ्यूज   |   Last Updated 02:30(16/07/12)
 
 
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फायदे का फंडा
ऑप्शन श्रेणी में दो दिन के होल्डिंग पीरियड के साथ इंफोसिस 2250 के पुट ऑप्शन की खरीदारी की जा सकती है। लांग कॉल पोजीशन में एचडीएफसी बैंक, बीएचईएल और एचडीएफसी बेहतरीन विकल्प हैं।

जो निवेशक ज्यादा जोखिम ले सकते हैं वे जिंदल स्टील, पावर, भारती टेली और विप्रो में शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं। तकनीकी रूप से ये स्टॉक काफी कमजोर नजर आ रहे हैं और इनमें और गिरावट आ सकती है।

मोबाइल कंपनियों के एयरवेव्स को मॉर्गेज करने के फैसले से टेलीकॉम कंपनियां अपने स्पेक्ट्रम को कोलैटरल के तौर पर रख कर बैंक से फंड जुटा पाएंगी।

पिछले सप्ताह वैश्विक माहौल में उठा पटक के चलते बाजार काफी सुस्ती के साथ शुरू हुए। पिछले हफ्ते बाजार को इंफोसिस, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक जैसी जानीमानी कंपनियों के नतीजों का इंतजार था।

देश के दूसरे बड़े सॉफ्टवेयर निर्यातक के तौर पर जानी जाने वाली कंपनी इंफोसिस लिमिटेड की पहली तिमाही के नतीजों में पिछली साल समान अवधि की तुलना में 33 फीसदी का इजाफा हुआ और यह 2289 करोड़ रुपये रहा। हालांकि डॉलर में बिक्री के मोर्चे पर कंपनी ने अपने फोरकास्ट में कटौती की क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था के सुस्ती की वजह से ग्राहकों ने अपने खर्चों में कटौती की है। हालांकि आईटी दिग्गज टीसीएस के नतीजे काफी अच्छे रहे। इसके शुद्ध मुनाफे में पिछले साल की तुलना में पिछली तिमाही के दौरान 37 फीसदी का इजाफा हुआ और यह 3,317.70 करोड़ रुपये पर रहे।

वहीं दूसरी ओर कंपनी की आय में पिछले साल की तुलना में 12.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 14,869 करोड़ रुपये रहा। 
मई के औद्योगिक विकास के आंकड़ों (आईआईपी) में  सुधार हुआ और यह 2.4 फीसदी पर पहुंचा जबकि इसके पिछले  महीने यह 0.9 फीसदी था।  यह बात और है कि कैपिटल गुड्स और माइनिंग जैसे सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई। पिछले महीने की तुलना में मैन्युफैक्चरिंग, ऊर्जा और कंज्यूमर गुड्स जैसे सेक्टरों में कम बढ़ोत्तरी हुई।

पिछले सप्ताह की शुरुआत में यह खबर आई की सरकार एफडीआई पॉलिसी में सिंगल रीटेल ट्रेडिंग के लिए कुछ छूट दे सकती है। साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष के लिए  30,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार की राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों के ईटीएफ को बेचने की योजना की खबर भी थी। पिछले सप्ताह के अंत में यह खबर भी आई की सरकार की 19 जुलाई के राष्ट्रपति चुनाव के बाद सरकार की डीजल, कुकिंग गैस और केरोसीन तेल के दामों में इजाफे की योजना है जिसका फायदा ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों को मिला।

इसके अलावा सरकार की स्पेशल इकानॉमिक जोन (सेज) को दोबारा पटरी पर लाने के लिए नए नियम लाने की भी योजना थी। ईजीओएम में मोबाइल कंपनियों के एयरवेव्स को मॉर्गेज करने के फैसले से टेलीकॉम कंपनियां अपने स्पेक्ट्रम को कोलैटरल के तौर पर रख कर बैंक से फंड जुटा पाएंगी। इस फैसले से टेलीकॉम कंपनियों के शेयरों को काफी फायदा हुआ।

अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन महीनों से बिकवाली करने के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में शुद्ध रूप से 73.12 अरब रुपये का निवेश किया है।

वैश्विक माहौल में भी इस सप्ताह कई गतिविधियां दर्ज की गई। यूरोप में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में मई के दौरान इजाफा हुआ जो इसके पिछले महीने की तुलना में 1.2 फीसदी ज्यादा है। इटली में भी मई में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में इजाफा हुआ जो कि इसके पिछले महीने से 0.8 फीसदी ज्यादा है।

इसके अलावा यूरोजोन के वित्त मंत्री स्पेन के बैंकों की मदद के लिए 37 अरब डॉलर देने को तैयार हो गए। फिच ने अमेरिका की रेटिंग को एएए  कर दिया पर इसके आउटलुक को नकारात्मक ही छोड़ दिया। पिछले सप्ताह कारोबार के आखिरी दिन चीन के जीडीपी आंकड़े आए जो कि पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में उम्मीद के अनुसार बढ़कर 7.6 फीसदी रहा।

मूडी ने इटली के नकारात्मक आउटलुक के चलते सरकारी बांड की रेटिंग को ए3 से घटाकर बीएए2 कर दिया है। जैसा कि नीति निर्माताओं ने कहा कि वे अब फंड में किसी भी तरह का ब्याज नहीं दे पाएंगे। यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने कहा कि इसकी वजह से वित्तीय संस्थानों की डिपॉजिट घटकर 324.9 अरब यूरो पर आ गया है। सोमवार को मुद्रास्फीति के आंकड़े आने वाले हैं जो कि अगले सप्ताह की एक महत्वपूर्ण घटना होगी। साथ ही राष्ट्रपति चुनाव और रिलायंस का परिणाम भी आने वाले हैं।

जहां तक केंद्र सरकार की बात है तो कमोडिटी मार्केट नियंत्रक एफएमसी को अधिक अधिकार देने वाले फॉर्वर्ड कांट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट बिल को फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। इस बिल को कमोडिटी मार्केट के विकास के लिए काफी अहम माना जा रहा है। इसके अलावा कैबिनेट ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के 10.82 फीसदी हिस्सा बेचने का फैसला भी टाल दिया है। गठबंधन की सरकार होने की वजह से पॉलिसी को लागू करने में दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में संभावनाओं को पहचानते हुए भारत यात्रा पर आए सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने वहां की कंपनियों के भारत में निवेश की इच्छा जताई है।

इस महीने की शुरुआती दिनों के आंकड़ों के मद्देनजर हमने देखा कि इक्विटी मार्केट में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ क्योंकि निवेशकों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री द्वारा वित्त मंत्रालय को अपने हाथ में लेने से कुछ महत्वपूर्ण फैसले किये जा सकते हैं। उम्मीद की जा रही राष्ट्रपति चुनावों के बाद इस ओर कुछ सकारात्मक हो सकता है।

ऑप्शन श्रेणी में दो दिन के होल्डिंग पीरियड के साथ इंफोसिस 2250 पुट ऑप्शन की खरीदारी की जा सकती है। लॉग कॉल पोजीशन में एचडीएफसी बैंक, बीएचईएल और एचडीएफसी बेहतरीन विकल्प हैं।

जो निवेशक ज्यादा जोखिम ले सकते हैं वे जिंदल स्टील, पावर, भारती टेली और विप्रो में शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं। तकनीकी रूप से ये स्टॉक काफी कमजोर नजर आ रहे हैं और इनमें और गिरावट आ सकती है। निफ्टी के लिए 5178 और 5088 पर सपोर्ट है। इससे नीचे जाने पर निफ्टी में और गिरावट आएगी।
(लेखक जियोजित बीएनपी पारिबा फाइनेंशियल्स के रिसर्च हेड हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

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