दोबारा लिंग उगा लेते हैं समुद्री घोंघे
बुधवार, 13 फ़रवरी, 2013 को 15:35 IST तक के समाचार
खारे पानी के भीतर रहने वाले
घोंघो का यौन व्यवहार बहुत ही जटिल और रहस्यमयी रहा है लेकिन क्रोमोडोरिस
रेटिकुलाटा नाम के रंगीन प्रजाति के घोंघों ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया
है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि क्रोमोडोरिस रेटिकुलाटा
अपना लिंग खुद से अलग कर सकता है, दोबारा उगा सकता है और फिर से इसका
इस्तेमाल कर सकता है.जापान के शोधकर्ताओं ने विचित्र यौन रुझान वाले क्रोमोडोरिस को प्रशांत महासागर में खोज निकाला है.
उनका मानना है कि यह पहला ऐसा ज्ञात जीव है जो अपने नए उगाए हुए लिंग से बार-बार मैथुन कर सकता है.
रॉयल सोसायटी के जर्नल बायोलॉजी लेटर्स में वैज्ञानिकों ने इसे ‘डिसपोजेबल पेनिस’ का नाम दिया है.
नर एवं मादा
नए लिंग के उगने से पहले इस समुद्री घोंघे का यौन जीवन बेहद जटिल हो जाता है."क्रोमोडोरिस रेटिकुलाटा का औजार उनके शरीर की दाहिनी तरफ रहता है ताकि दो न्यूडीब्रांच जब एक दूसरे के संपर्क में आएं तो उनके शरीर एक दूसरे के विपरीत दिशा में हों और उनका शरीर एक दूसरे को छू सके"
बर्नार्ड पिक्टन, क्यूरेटर नैशनल म्यूजियम, उत्तरी आयरलैंड
इनके बारे में ऐसा माना जाता है कि ये एक ही समय में उभयलिंगी भूमिका में होते हैं.
इसका मतलब यह हुआ कि इनके पास नर और मादा दोनो जैसे यौन अंग होते हैं और वे उनका इस्तेमाल एक ही वक्त में कर सकते हैं.
बर्नार्ड पिक्टन उत्तरी आयरलैंड के नैशनल म्यूजियम में समुद्री अकशेरुकी जीवों के क्यूरेटर
वह कहते हैं,“उनका औजार उनके शरीर की दाहिनी तरफ रहता है ताकि दो न्यूडीब्रांच जब एक दूसरे के संपर्क में आएं तो उनके शरीर एक दूसरे के विपरीत दिशा में हों और उनका शरीर एक दूसरे को छू सके.”
उन्होंने बताया,“वे मैथुन करते समय उनके शरीर की स्थिति ऐसी रहती है कि वे एक दूसरे को अपने शुक्राणु दे रहे होते हैं.”
क्रोमोडोरिस रेटिकुलाटा
पिक्टन कहते हैं,“मैंने पहले कभी ऐसा नहीं देखा.”
जापानी शोधकर्ताओं ने पाया इन रंगीन समुद्री घोंघों के नमूने जापान के ही तटवर्ती इलाकों में स्थित मूंगे की प्रवाल भित्तियों से इकठ्ठे किए.
उन्होंने इन जीवों को 31 बार सहवास करते हुए देखा.
सेकेंड से मिनट भर तक चले मैथुन क्रिया के बाद क्रोमोडोरिस रेटिकुलाटा प्रजाति के इन जीवों ने अपना लिंग शरीर से अलग कर दिया था.
वैज्ञानिक यह देखकर हतप्रभ थे कि अगले 24 घंटों के भीतर उनके जननांग दोबार उग आए थे और वे फिर से सहवास करने के लिए तैयार थे.
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