क्या है इटली हेलिकॉप्टर सौदे का विवाद?
गुरुवार, 14 फ़रवरी, 2013 को 13:34 IST तक के समाचार
इटली के एयरोस्पेस और डिफेंस निर्माण से जुड़ी अहम कंपनी
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फिनमैकानिका के मुखिया को पिछले दिनों भारतीय अधिकारियों को
रिश्वत देने के आरोप में मिलान में गिरफ़्तार किया गया. इसके बाद भारत में
भी मामले ने तूल पकड़ा.
केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंटनी ने एक प्रेस कांफ़्रेंस करके कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख़्शा नहीं जाएगा.क्या है ये विवाद और इसका भारत पर क्या असर पड़ेगा? इसे समझने के लिए हमारे सहयोगी अरविंद छाबड़ा ने जेंस डिफेंस वीकली के भारतीय संवाददाता राहुल बेदी से बात की और उनसे इस सौदे की बारीकियों के बारे में पूछा.
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर क्या हैं-
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर वैसे विमान हैं, जिन्हें भारत सरकार वीवीआईपी लोगों के आने जाने में उपयोग के लिए खरीद रही है. इससे पहले रूसी विमान मिग 8 और मिग 17 का इस्तेमाल होता था, जो काफी पुराने पड़ चुके थे.ऐसे में 2000 में भारत में इस हेलीकॉप्टर की जरूरत महसूस हुई. पुराने विमानों को बदलना जरूरी था. मार्च, 2012 में 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों के ऑर्डर दिए गए.
ये बेहद उम्दा हेलीकॉप्टर हैं. इसमें दो के बजाए तीन इंजन होते हैं. इसकी क्षमता और इसका रेंज बहुत बेहतर है.
मिग के मुकाबले अगस्ता कितना बेहतर है-
मिग 60-70 के दशक की तकनीक है, जबकि अगस्ता 2000 की तकनीक है. तो दोनों में जमीन आसमान का अंतर है.भारत ने जो 12 हेलीकॉप्टर लिए हैं उनका मॉडल है एडब्ल्यू 101. इनमें आठ तो वीवीआईपी लोगों के आने जाने के लिए इस्तेमाल होने हैं.
यानि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और वरिष्ठ राजनेता कहीं आने जाने के लिए इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन आठ हेलीकॉप्टरों को ऐसे बनाया गया है कि इनमें एक साथ दस यात्री जा सकते हैं. बाकी जो चार हैं उनमें 30 एसपीजी कमांडो चल सकते हैं.
कीमतों में कितना अंतर-
इनकी कीमतों की असलियत के बारे में पता नहीं चलता. जब ये डील हुई थी तब 12 हेलीकॉप्टरों के लिए करीब 3500- 3600 करोड़ रुपये में खरीद की घोषणा हुई थी. ये काफी महंगा है. इस प्रकार के हेलीकॉप्टर में सबसे महंगा है.अमरीका भी इसी वजह से इसे नहीं खरीद पाया. वहां की सरकार अपने पुराने हेलीकॉप्टर को ही अपग्रेड करने के विकल्प पर काम करने लगी, उन्होंने इसे ख़रीदने से मना कर दिया.
किस बात पर है विवाद-
इसमें यह लिखा होता है कि किसी भी वक्त अगर ये पता चल जाए कि इसमें किसी दलाल का हाथ तो वह डील रद्द हो जाएगी. पैसा वापस किया जाएगा. उस कंपनी से सभी संबंध तोड़े जाएंगे और उसे ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा.
पिछले आठ साल में क्लाज़ कभी इस्तेमाल नहीं हुआ. लेकिन मौजूदा विवाद इसी क्लाज़ को लेकर है. इतालवी कंपनी ने भी भारत को कहा था कि इस समझौते में कोई दलाल नहीं है. जो मामले की जो जांच इटली में हुई है वो बताती है कि इसमें तीन दलाल थे. दो इतालवी और एक अंग्रेज.
इन लोगों ने भारतीय अधिकारियों को चार सौ से पांच सौ करोड़ रुपये तक की रिश्वत दी है.
हेलीकॉप्टरों की स्थिति क्या है-
12 में से तीन हेलीकॉप्टर दिसंबर तक यहां आ गए थे. बाकी नौ जून-जुलाई तक आने वाले थे. मगर क्लिक करें भारतीय रक्षा मंत्री ने उन विमानों के आने पर रोक लगा दी है. उनके मुताबिक सीबीआई जांच के बाद ही फ़ैसला होगा.तो हेलीकॉप्टरों की स्थिति क्या है, इसके बारे में किसी को कुछ नहीं मालूम. हम तीन हेलीकॉप्टर वापस नहीं कर सकते और ना ही उसे चला सकते हैं क्योंकि उसे चलाने के लिए जो अन्य उपकरण चाहिए वो हमारे पास नहीं हैं.
ये सरकार के सामने बडा़ सवाल है.
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