वो शख्स जिसने ओसामा को मारी आख़िरी गोली...
शुक्रवार, 15 फ़रवरी, 2013 को 02:41 IST तक के समाचार
ओसामा बिन लादेन को पिछले साल एक अमरीकी हमले में मारे गए थे
21वीं सदी में दुनिया के सबसे ख़तरनाक व्यक्ति पर गोली चलाने वाला शख्स कैसा होगा?
ये सवाल किसी के भी दिमाग में कौंध सकता है, लेकिन वो इस तरह का होगा इसका अहसास फिल ब्रॉन्सटीन को भी नहीं था.फिल के अनुसार वो अपने परिवार के भविष्य को लेकर काफी चिंतित थे.
कैसे बने स्नाइपर?
अहाते में फिल के साथ घूमते हुए उन्होंने बताया कि कैसे 19 साल की उम्र में जब एक लड़की ने उन्हें धोख़ा दे दिया और हालात से भागने के लिए वे नेवी के दफ्तर पहुंच गए थे, स्नाइपर बनने के लिए.और उन्होंने बिना ज़्यादा कुछ सोचे डील साइन कर ली.
और यही वो वजह है जिस कारण अलकाय़दा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का खात्मा हो गया.
"उसने अपने जीवन में काफी बड़े-बड़े जोख़िम उठाए हैं लेकिन उसे इसका फल नहीं मिला"
ओसामा को मारने वाले स्नाइपर के पिता
वे घंटों ओसामा को मार गिराने वाले अभियान की भी बातें करते हैं.
उन्होंने याद किया कि कैसे एबटाबाद में वे ओसामा के ठिकाने तक पहुंचे, कैसे उन्होंने अपनी राइफल में बची तीन बुलेट सीआईए की महिला विशेषज्ञ को दिया था, जिसकी ज़िद ने उन लोगों को उस रात हमले के लिए तैयार किया था.
फिल के सामने एक ऐसा व्यक्ति था जो स्नाइपर टीम-6 का सदस्य था. वो टीम जो अपने टीमवर्क में अदभुत है, वो अमरीकी फौज का सबसे काबिल हिस्सा था.
अदभुत कौशल
फिल के मुताबिक सील से जुड़े कई अन्य लोगों ने उन्हें बताया है कि जिस बंदूकधारी ने ओसामा को गोली मारी थी वो ओसामा के तीन मंज़िला घर में दाख़िल होने वाला दूसरा स्नाइपर था.
सील-6 के सदस्यों को अपने काम और अपनी पहचान दोनों ही छुपा कर रखनी होती है
ऐसे हालात में अक्सर एक प्वाईंटमैन होता है जो अपराधी को पहुंचने में बंदूकधारी की मदद करता है लेकिन उस समय उनके पास वो भी नहीं था.
ऐसे मौके पर जब एक कमरे में आपके सामने दो महिलाएँ खड़ी हों तब उन्हें ये अनुमान लगाना पड़ा कि कमरे में मौजूद हर किसी ने अपने शरीर में विस्फोटक बाँध रखा होगा.
इस शख्स से लंबी बातचीत करने के बाद फिल इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ओसामा बिन लादेन को आख़िरी बार ज़िंदा देखने वाला ये आख़िरी व्यक्ति है.
जो जानकारियां उसके पास थीं वो इस बात को पुख़्ता तरीके से साबित करती है. हालांकि कई और लोगों ने भी ओसामा पर गोली चलाने का दावा किया है, लेकिन उन्होंने ऐसा ओसामा के मरने के बाद किया है.
जीवन संघर्ष
जो बात समझनी सबसे ज़्यादा मुश्किल है वो ये है कि एक व्यक्ति जिसने सैंकड़ों लड़ाइयों में हिस्सा लिया है, जिसने अपनी वर्दी ओसामा को मारने के बाद छोड़ी है, उसे एक आम नागरिक के तौर पर अपनी ज़िंदगी शुरु करने के लिए इतनी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.पिछले साल अप्रैल महीने में सील-6 टीम के अन्य सदस्यों ने एक कंपनी खोलने की कोशिश भी की जो उन्हें नौकरी छोड़ने के बाद नागरिक जीवन जीने में मदद कर सकता है.
उन्होंने अपने साथियों का बिज़नेस कार्ड भी दिखाया.
लेकिन सील-6 के पूर्व सदस्य मैट बिसोनेट की तरह इनका इरादा ना तो कोई किताब लिखने का है ना ही लोगों के सामने कोई खु़लासा करने का, क्योंकि ऐसा करना काफी ग़ैर पेशेवर होगा.
एबटाबाद के लोगों को भी पता नहीं चला कि बरसों तक उनके बीच ओसामा बिन लादेन रहते रहे.
विशेष सैनिक बल के लिए ये ज़रुरी है कि वो अपनी पहचान छुपा कर रखें, हमेशा के लिए. उस रात एबटाबाद गए सील के सभी 23 सदस्यों को ये कहा गया था कि वे इस घटना को इस तरह से भूल जाएं मानो वो कभी हुई ही ना हो.
जिस तरह की एकाग्रता और कार्यकुशलता इस बंदूकधारी ने सीखी थी वो उसकी चाल में साफ़ नज़र आती है. इस व्यक्ति का भविष्य भले ही अधर में हो लेकिन इसका इतिहास काफी प्रभावशाली है.
ये एक ऐसा व्यक्ति था जो अपने सर्विस रिकॉर्ड से काफी खुश और संतुष्ट है और जिसने अपने काम की वजह से काफी इज्ज़त कमाई है.
इस बंदूकधारी के पिता अपना दुख़ छुपाने की कोशिश करते हुए कहते हैं, ''उसने
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