जानिए रेलवे का रोचक इतिहास
तुलसीभाई पटेल रेल बजट : जानिए रेल का इतिहास“ 26 फरवरी 2013 के दिन “रेलमंत्री श्री पवनकुमार बंसल” आपके सामने लेकर आएंगे “भारतीय रेल बजेट “ उस से पहले एक नजर करते है भारतीय रेल के इतिहास पर जो काफी रोचक है | “
* विश्व का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है भारतीय रेल
* 16 अप्रैल 1853 के दिन मुंबई ठाणे के बीच देश की प्रथम ट्रेन चली थी
* 26 जनवरी 1950 के दिन बंगाल के चितरंजन मे ब्रोड्गोटिव फेकटरी का उदघाटन
* 1 नवंबर 1950 के दिन देश का प्रथम स्टीम एंजिन बना
* देश का प्रथम एलेक्ट्रिक एंजिन 1961 मे बना था
* डीजल एंजिन बनाने की फेकटरी वाराणसी मे 1961 मे चालू हुई थी
* 1972 मे स्टीम एंजिन को बंद कर दिया गया
* मात्र 21 km के रूट से चालू की गई रेल आज 115000 km पर दौड़ रही है
* 7500 स्टेशन है ,65000 किलोमीटर के रूट पर 115000 किलोमीटर का रेल नेटवर्क
* दिसंबर 2012 के मुताबिक रोज 25 मिलियन यात्रिने मुसफ़री की थी
* जब की साल के 9 अब्ज लोग रेल से मुसफ़री करते है
* 8900 मिलियन यात्रियो को रेल ने एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाया था
* 2.8 मिलियन टन चीजों को रेल रोज एक जगह से दूसरे जगह पहुँचती है
* 2011-12 मे रेल को 104278.79 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी
* यात्री टिकट से रेल ने 2011-12 मे 28645.92 करोड़ रुपये कमाए थे
* जब की नूर मे रेल ने कमाए थे 69675.97 करोड़ रुपये
* रेल कर्मचारी की संख्या 1.4 मिलियन
* 229381 जीतने भारतीय रेल के पास नूर वेगन है
* 69713 पेसेंजर कोच भी है
* 9213 लोकोमोटिव के साथ ट्रेन मे 5 डिजिट नंबरिंग व्यवस्था भी है
* 10000 से भी ज्यादा ट्रेने दौड़ाई जाती है
* 31 मार्च 2012 के मुताबिक 22224 किलोमीटर इलेक्ट्रिक मार्ग कर दिया गया है
* सबसे लंबा रूट डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी का है
- खड़कपुर का प्लेटफार्म सबसे लंबा है जिसकी लंबाई है 2733 फूट
- चार छोर के अंतिम स्टेशन उतर – बारामुल्ला ,दक्षिण- कन्याकुमारी, पूर्व- लेडो ,पश्चिम – नलिया
- देश की प्रथम एलेक्ट्रिक ट्रेन वीटी –कुर्ला स्टेशन के बीच दौड़ाई गई थी दिन था 3 फरवरी 1925
- 19 फरवरी 1986 के दिन देश का प्रथम कंप्यूटराइज टिकट रिज़र्वेशन दिल्ली मे खोला गया
- रेल मंत्री ना होने के बावजूद भी 1947 मे जॉन मथाई ने प्रस्तुत किया था देश का प्रथम रेल बजेट
- अब तक बिहार ने दिये है 6 रेल मंत्री
- सबसे सफल रेल मंत्री थे लालू प्रसाद यादव जिनहोने 1 पैसा भाड़ा बढ़ाए बगैर रेल को पहलीबार मुनाफे का स्वाद चखाया था
“ हाल ही मे पवंकुमार बंसल जी ने रेल भाड़े मे बढ़ोतरी की थी अब उन पर आशा लगाए बैठे है हजारो कर्मचारी एवम देश की आम जनता की अब क्या करेंगे बंसल जी ,क्या वो जनता को राहत देते है या नहीं ? क्या इस बार का बजेट भी जनता के लिए TEZ साबित होगा या नहीं ? ये तो आनेवाले 24 घंटे बताएँगे |"
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