बिना हिजाब के खेलेंगी सऊदी अरब की खिलाड़ी
शुक्रवार, 27 जुलाई, 2012 को 20:44 IST तक के समाचार
अंतरराष्ट्रीय जूडो फ़ेडरेशन ने कहा है कि सऊदी अरब की एक खिलाड़ी बिना हिजाब पहने ओलंपिक में भाग लेंगी.
अध्यक्ष मैरियस वाइज़र ने इस बात की पुष्टि की है
कि 18 साल की वोज्दान अली सेराज अब्दुलरहीम शाहर्खानी अपने सिर को ढकेंगी
लेकिन चेहरे को नहीं.सोलह वर्षीय वोज्दान अली सऊदी अरब की उन दो महिला खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें ओलंपिक में पहली बार खेलने का मौका मिला है.
यूं तो सऊदी अरब में कई महिलाएं हिजाब पहनती हैं लेकिन जूडो में सुरक्षा कारणों के चलते इस पर प्रतिबंध है.
मैरियस वाइज़र ने कहा, ''सऊदी अरब की यह धावक जूडो की भावना और इसके सिद्धांतों के तहत बिना हिजाब के खेलेंगी.''
सऊदी नेताओं ने पहली बार ओलंपिक में महिला खिलाड़ियों को इसी शर्त पर भेजने का फैसला लिया था कि वो मुस्लिम महिलाओं के लिए निर्धारित कपड़े पहनकर खेल में हिस्सा लेंगी जिसमें हिजाब भी शामिल था.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने शाहर्खानी को लंदन ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए खास निमंत्रण भेजा था.
इससे पहले उन्होंने किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था.
गुरूवार को अंतरराष्ट्रीय जूडो फेडरेशन के अध्यक्ष मैरियस वाइज़र ने कहा था, "जूडो के नियमों के मुताबिक वोज्दान अली सेराज अब्दुलरहीम शाहर्खानी हिजाब पहनकर मुकाबला नहीं कर सकती हैं."
प्रतिबंध
मैरियस वाइज़र
"सऊदी अरब की यह धावक जूडो की भावना और इसके सिद्धांतों के तहत बिना हिजाब के खेलेंगी."
जूडो अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस बात का फख्र है कि जूडो ऐसा पहला खेल है जिसमें सऊदी अरब की महिला खिलाड़ी हिस्सा ले रही हैं.
लेकिन साथ ही जूडो फेडरेशन के प्रवक्ता निकोलस मेस्नर ने कहा था कि सऊदी खिलाड़ी को हिजाब के साथ मुकाबले में हिस्सा न लेने देने का फैसला खिलाड़ी की सुरक्षा के लिहाज से लिया गया.
उन्होंने कहा, "जूडो में खेल की जो तकनीक है उसमें हिजाब खतरनाक साबित हो सकती है."
मेस्नर ने ये भी कहा कि जापानी मार्शल आर्ट जूडो, राजनीति और धर्म जैसी बातों में अंतर नहीं करता और खेल में तो प्रतियोगियों के बीच केवल जूडो के स्तर को लेकर बात होनी चाहिए.
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