ईवा पेरॉन के शव की अजीब दास्ताँ..
गुरुवार, 26 जुलाई, 2012 को 14:08 IST तक के समाचार
ये कहानी है अर्जेंटीना में
गरीबों के हितों के लिए काम करने वाली करिश्माई नेता ईवा पेरॉन के शव की 20
साल लंबी अंतरराष्ट्रीय यात्रा की...
ईवा पेरॉन 1940 के दशक में अर्जेंटीना की सरकार का हिस्सा रहीं और आज उन्हें एक अध्यात्मिक नेता के तौर पर जाना जाता है.शव का 'अंतरराष्ट्रीय भ्रमण'
उनके पति और अर्जेंटीना के पूर्व राष्ट्रपति जुआन पेरॉन के एक बयान के मुताबिक अर्जेंटीना में हुए सैन्य तख्तापलट के दौरान शव को कब्र से बाहर निकाला गया था और इसके बाद अगले दो दशक तक ईवा पेरॉन के शव के साथ जो हुआ वो एक शव के 'अंतरराष्ट्रीय भ्रमण' की अनोखी कहानी है.डोमिंगो तेलेचा प्राचीन वस्तुओं और मानव अवशेषों के विश्वविख्यात संरक्षणकर्ता हैं और 1974 में उन्हें ईवा पेरॉन के शव को सार्वजनिक प्रदर्शन के लायक बनाने का जिम्मा सौंपा गया.
शव के संरक्षण का काम जिस अंदाज में उन्हें सौंपा गया वो भी कम नाटकीय नहीं. अचानक एक दिन दो लोग उनके दफ्तर में घुसे जो असल में सरकारी अधिकारी थे. उन्हें आज भी याद है कि किस तरह इसके बाद उन्हें ईवा पेरॉन के निजी चिकित्सक रहे ऑस्कर ईवानिशेविच के दफ्तर ले जाया गया.
वो कहते हैं, ''उन्होंने मुझसे कहा कि हमारे पास तुम्हारे लिए एक काम है, तुम्हें ईवा पेरॉन के शव का संरक्षण करना होगा.''
ईवा पेरॉन का सफर:
- 1919: मारिया ईवा डुआर्टे ने अर्जेंटीना के एक गरीब परिवार में जन्म लिया वो अभिनेत्री बनना चाहती थीं
- 1945: कर्नल जुआन पेरॉन से विवाह और राष्ट्रपति चुनाव प्रचार में भागीदारी
- 1946: जुआन पेरॉन के राष्ट्रपति बनने के बाद ईवा मजदूरों, महिलाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हुईँ
- 1952: कैंसर से मौत
- 1955: ईवा के शव को पहली बार कब्र से निकाला
- 1957: शव को इटली ले जाकर, मिलान में दफनाया
- 1974: बुएनस आयर्स में शव की वापसी, सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखा गया
- 1976: रेकोलेटा में शव को एक बंकर में दफनाया
लेकिन संरक्षण के इस काम से पहले ईवा पेरॉन के शव ने एक लंबा सफर तय किया. 1955 में अर्जेंटीना में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जुआन पेरॉन को निर्वासित कर दिया गया और उनकी पत्नी ईवा पेरान का शव गायब हो गया.
बढ़ती गई लोकप्रियता
वर्ष 1955 में एक दिन आधी रात को ईवा का शव बुएनस आयर्स स्थित एक मुख्यालय से निकाला गया जहां उसे संरक्षण के बाद दफनाया गया था.जुआन पेरॉन के समर्थकों के मुताबिक ये पेरॉनिस्ट पार्टी की बुनियाद और लोकप्रियता खत्म करने के लिए उठाया गया एक कदम था.
मजदूरों के अधिकारों और गरीबों के हितों के लिए काम करने के चलते ईवा पेरॉन बेहद कम समय में अपने सहयोगियों और आम जनता के बीच लोकप्रियता हो गई थीं. इसके बाद संपन्न-सामंत वर्ग और सेना ने मिलरप ईवा की लोकप्रियता को खत्म करने और ‘पेरॉनिज्म’ को समूल उखाड़ फेंकने की कोशिशें शुरु हुईं.
माना जाता है कि कब्र से निकाले जाने के बाद कुछ समय ईवा के शव को सेना के मुख्यालय में रखा गया लेकिन उनके शव को जहां भी ले जाया गया उनके चाहने वालों ने चोरी-छिपे ही सही उन्हें मोमबत्तियों और फूलों की भव्य श्रृद्धांजलि दी.
वर्ष 1971 के बाद अर्जेंटीना में कई राजनीतिक बदलाव हुए और आखिरकार ये तय किया गया कि ईवा के शव को स्पेन में रह रहे उनके पति को लौटा दिया जाएगा.
शव का संरक्षण करने वाले डोमिंगो तेलेचा के मुताबिक ईवा के शव कुछ क्षति पहुँची और उनके शरीर पर चोट के कई निशान देखे जा सकते हैं. हालांकि इसकी वजह के बारे में वो स्पष्ट रुप से कुछ नहीं कह सकते.
ईवा पेरॉन का शव अब बुएनस आयर्स में उनके पारिवारिक कब्रगाह में एक बंकर की तरह सुरक्षित है ताकि फिर कभी, कोई भी, उसे वहां से निकालने की कोशिश न कर सके.
उनकी 60वीं बर्सी के इस मौके पर ‘पेरोनिस्ट’ पार्टी से जुड़ी अर्जेंटीना की वर्तमान राष्ट्रपति क्रिस्टीना फर्नांडेस ने एक नया बैंक नोट जारी किया है, लेकिन ईवा कई वजहों से लोगों के जहन में हमेशा जिंदा रहेंगी.
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