रोटी की तस्करी
Updated on: Tue, 31 Jul 2012 06:05 AM (IST)
सीमापार से जाली नोट, हथियार, मादक पदार्थ और अन्य तरह के
सामानों की तस्करी तो आम हो चुकी है। परंतु, सीमापार रोटी की भी तस्करी
शुरू हो जाएगी, शायद ही किसी को मान होगा। यह काफी गंभीर व चिंता बढ़ाने
वाला विषय है। हमारे यहां पहले से ही लाखों लोग एक शाम के भोजन के लिए तरस
रहे हैं। ऐसे में हजारों क्विंटल गेहूं अवैध रूप से सीमापार भेजे जाएंगे तो
गरीबों का क्या होगा? गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले और अंत्योदय
योजना के लिए आवंटित गेहूं को तस्करी के जरिए जहाज पर लाद कर बांग्लादेश
भेजे जाने का भंडाफोड़ होने के बाद पता चला है कि गरीबों की रोटी भी तस्करों
की नजर लग गई है। करीब 4500 क्विंटल गेहूं राशन दुकानों के माध्यम से
गरीबों में बांटने के लिए एफसीआई गोदाम से बाहर निकला था। परंतु, शनिवार की
दोपहर गेहूं सीधे खिदिरपुर डाक पहुंच गया, जिसे जहाज से बांग्लादेश भेजने
की तैयारी हो रही थी। ऐन वक्त पर पुलिस ने छापामार कर गेहूं तथा अन्य सामान
जब्त कर लिया। 36 ट्रकों व जहाज को पुलिस ने जब्त किया है। साथ ही 13
लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। लेकिन, सवाल यह उठ रहा है कि क्या गरीबों के
लिए आए गेहूं पहली बार बांग्लादेश भेजा जा रहा था? या इससे पहले भी कई खेप
गेहूं बांग्लादेश भेजा जा चुका है? इतनी बड़ी हेराफेरी के पीछे कौन लोग
हैं? क्योंकि जिस तरह से दिनदहाड़े माल बंदरगाह पर जहाज में लादे जा रहे थे,
उससे यह प्रमाणित होता है कि इस गोरखधंधे से जुड़े लोगों का हाथ व हिम्मत
दोनों ही मजबूत है। फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया के गोदाम से 4500 क्विंटल
गेहूं निकलने के बाद सीधे बंदरगाह पहुंच जाता है। वह भी दिनदहाड़े। जब दिन
के उजियारे में इतना सब कुछ हो रहा था, तो रात के अंधेरे में क्या हुआ
होगा। इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। बहरहाल इस घटना को लेकर राज्य
खाद्य विभाग के होश उड़े हुए हैं। खाद्यमंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने तत्काल
जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों से
पूछताछ कर पुलिस कुछ गोदामों में छापामारी भी की है। फिलहाल जांच के प्रथम
चरण में कहा जा रहा है कि इस धंधे में तीन फ्लावर मिलों के संलिप्त रहने की
आशंका है। लेकिन, क्या इससे पहले जो गेहूं सीमापार चला गया होगा उसे क्या
वापस लाया जा सकेगा? यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। यदि बीपीएल और अंत्योदय
योजना के लिए गेहूं एफसीआई गोदाम से निकला तो खाद्य विभाग के अधिकारियों को
इसकी सूचना नहीं थी? ऐसा तो हो नहीं सकता। इसीलिए जांच एजेंसियों को चाहिए
कि वह इस मामले में जुड़े हर एक अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनसे गरीबों की
रोटी का हिसाब ले।
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