23.7.12

`जिलों के नाम बदलकर महापुरुषों का अपमान`

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने विभिन्न शासनकालों में रखे गये जिलों के नाम आज मौजूदा प्रदेश सरकार द्वारा बदले जाने को सम्बन्धित महापुरुषों का अपमान करार देते हुए कहा कि इस गुनाह के लिये समाज और इतिहास सपा सरकार को कभी माफ नहीं करेगा।

मायावती ने प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के आठ जिलों के नाम बदलने के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक बयान में कहा कि उन्होंने अपने शासनकाल में दलित महापुरुषों के नाम पर विभिन्न जिलों के नाम रखे थे ताकि वे समाज के लये हमेशा प्रेरणास्रोत बने रहें, लेकिन सपा सरकार जिलों के नाम में बेवजह परिवर्तन करके महान विभूतियों का अपमान कर रही है। इसके लिये समाज और इतिहास उसे कभी माफ नहीं करेगा।

उन्होंने कहा कि बसपा शासनकाल में रखे गये जिलों के नाम बदलने की चर्चा तो मीडिया में थी, लेकिन उन्हें इस बात का विश्वास नहीं था कि सपा सरकार महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों के प्रति विरोध और नफरत में इस हद तक आगे चली जाएगी।

सपा सरकार के इस निर्णय को निंदनीय और अत्यंत दुखद करार देते हुए मायावती ने आरोप लगाया कि जिलों के नाम बदलकर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम ‘काले अक्षरों में दर्ज करा लिया है।’ गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सरकार ने आठ जिलों के नाम बदलने के फैसले पर मुहर लगा दी। छत्रपतिशाहूजी महाराज नगर (अमेठी) जिले का नाम बदलकर गौरीगंज कर दिया है, जबकि रमाबाई नगर जिले का नाम बदल कर कानपुर देहात का पुराना नाम दे दिया गया है।

इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने भीमनगर, प्रबुद्धनगर और पंचशीलनगर जिलों का नाम बदलकर क्रमश: बहजोई, शामली और हापुड़ कर दिया है। साथ ही कांशीराम नगर, महामायानगर और ज्योतिबाफुले नगर का नाम बदलकर क्रमश: कासगंज, हाथरस और अमरोहा कर दिया गया है। मंत्रिमंडल ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में मायावती सरकार का एक और फैसला बदलते हुए छत्रपतिशाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनउ का नाम बदल दिया है और उसका पुराना नाम ‘किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय’ बहाल कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि उन्होंने अपने शासनकाल में कभी किसी जिले का नाम नहीं बदला बल्कि नये जिलों का सृजन करके उनका ‘प्रेरणादायी’ नाम रखा। साथ ही उन नवगठित जिलों को संसाधन मुहैया कराये गये। इसके बावजूद सपा सरकार द्वारा उस जिलों का नाम बदला जाना तुच्छ मानसिकता का परिचायक है।

मायावती ने आगाह किया कि प्रदेश की मौजूदा सपा सरकार की घोर दलित विरोधी नीति के खिलाफ उनकी पार्टी अपना आंदोलन और तेज करेगी और समय आने पर इन ज्यादतियों का पूरा-पूरा हिसाब लिया जाएगा।

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