31.7.12

शहरी विकास का खाका

Updated on: Sun, 29 Jul 2012 06:19 AM (IST)
गांवों का विकास हालांकि हर किसी के एजेंडे में है, लेकिन मुखौटे तो शहर ही होते हैं। इसलिए इनके विकास का मायने कुछ दूसरा है, जिस पर राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक हाल के वर्षो में कुछ ज्यादा ही माथापच्ची करने लगी है। यही कारण है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में राज्य के शहरों के विकास के लिए भारी-भरकम राशि 6,729 करोड़ रुपये का लक्ष्य लेकर चला जा रहा है। विधानसभा भवन के अलावा अन्य सरकारी इमारतें, चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण, रैन बसेरे, पार्किंग स्थल, लाइब्रेरी, म्यूजियम, अनाथालय, ओल्ड एज होम, चिड़ियाघर आदि-आदि की व्यवस्था कर शहरों को अधिक आकर्षक और शहरी जीवन को अधिक सुखमय बनाने के सपनों का बुना-गूंथा जाना बहुत सुहावना लगता है। आशंका इसी बात की है कि कहीं ये सपने सपने ही न रह जाएं। जब केंद्र सरकार ने ग्रामीणों का पलायन रोकने और रोजगार से जोड़ने के लिए नरेगा चलाया, उसके थोड़ा पहले ही शहरों को चमकाने के लिए जवाहरलाल नेहरू शहरी पुनरुत्थान मिशन लागू कर दिया था। थोड़ा विलंब से ही सही, झारखंड ने भी इसको अपनाया, लेकिन 11वीं पंचवर्षीय योजना बीत गई, जेएनएनयूआरएम अपने वास्तविक रूप में धरातल पर नहीं उतर पाया। यह तो भला हो 34वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का, जो उसके नाम पर रांची और धनबाद में थोड़ा रंग-रोगन किया गया। जमशेदपुर पहले से ही अधिक चकाचक था, लेकिन इन खेलों के बहाने उस पर दृष्टि गई, लेकिन वह चकाचौंध वक्त के साथ अब धुंधली पड़ती जा रही है।
अब 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए सरकार ने जो खाका तैयार किया है और 11वीं पंचवर्षीय योजना के बचे काम पूरे करने का मंसूबा दिखाया है, जब जागे तभी सवेरा की तर्ज पर यदि उस पर अमल कर लेती है तो भी उसको साधुवाद दिया जा सकता है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के पहले वर्ष का चौथा महीना बीतने को है। समय गुजरते देर नहीं लगती। इसलिए सबसे पहला काम तो यही होना चाहिए कि योजना आयोग से इस प्लान को मंजूरी दिलायी जाय और उसके लिए आवश्यक साधन जुटा लिए जाएं। ऐसा होने के बाद ही उम्मीद बंध सकेगी कि प्लान पर काम सुचारू रूप से चल सकेगा। जिस तल्लीनता से सरकार ने प्लान बनाया है, उसको लागू कराने में वैसी तत्परता यदि न दिखाई गई तो पुरानी अवधारणा ही पुष्ट होगी कि झारखंड में विकास केवल कागजों तक सीमित रहता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.