आज पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा क्षुद्र ग्रह
FnF डेस्क ,
Jul 22, 2012, 11:42 am IST
वाशिगटन: पृथ्वी के सबसे पास से
रविवार 22 जुलाई को एक शहर के आकार का क्षुद्र ग्रह गुजरेगा। अंतरिक्ष
विज्ञानियों का कहना है कि ये चाद से भी 14 गुना पृथ्वी के अधिक निकट होगा।
इसका आकार भी इतना बड़ा है कि मामूली खतरे की गुंजाइश बनी रहेगी।
हालाकि दुनिया भर के अंतरिक्ष विज्ञानी इस आकाशीय घटना पर नजर रख रहे हैं और उनका मानना है कि ये पर्याप्त सुरक्षित दूरी है इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।
एक मील चौड़े इस क्षुद्र ग्रह को वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के निकट क्षुद्र ग्रह का दर्जा दिया है। इसका नाम 2002 एएम31 है। एक अनुमान के अनुसार छोटे शहर के आकार का यह ग्रह 2 हजार फीट से 4500 फीट तक चौड़ा है।
अंतरिक्ष के किसी अज्ञात स्थान और अनजान ग्रह से टूट कर आया यह क्षुद्र ग्रह वैज्ञानिकों के कौतूहल का विषय इसलिए भी है क्योंकि ऐसे ही क्षुद्र ग्रहों के टकराने से पृथ्वी और अन्य ग्रहों पर समय-समय पर विभिन्न बदलाव हुए हैं।
वैज्ञानिकों में सृष्टि का यह सिद्धात अब आमतौर पर मान्य है। इसी आधार पर इस घटना को महत्व मिल रहा है। खगोल और अंतरिक्ष विज्ञानियों के अनुसार इस आकाशीय घटना को लोग स्लूह में देख सकते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान पत्रिका के बॉब बर्मन के अनुसार पृथ्वी के पास से गुजरने वाले क्षुद्र ग्रहों में अब कुछ रुचिकर नहीं बचा है।
सिवाय इसके कि ऐसे किसी क्षुद्र ग्रह से अरबों वर्ष पहले धरती पर अमीनो एसिड पहुंचा था जिससे जीवन की उत्पत्ति संभव हुई। हालाकि अब अगर ऐसे और ग्रह कभी टकराते भी हैं तो उनका कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा क्योंकि ये आकार में उन क्षुद्र ग्रहों से बहुत छोटे हैं।
लेकिन क्षुद्र ग्रहों के अध्ययन से बहुत लाभ हो सकता है। उल्लेखनीय है कि इसी साल जून के मध्य में भी एलजेड1 नाम का एक क्षुद्र ग्रह धरती के करीब से गुजरा था।
हालाकि दुनिया भर के अंतरिक्ष विज्ञानी इस आकाशीय घटना पर नजर रख रहे हैं और उनका मानना है कि ये पर्याप्त सुरक्षित दूरी है इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।
एक मील चौड़े इस क्षुद्र ग्रह को वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के निकट क्षुद्र ग्रह का दर्जा दिया है। इसका नाम 2002 एएम31 है। एक अनुमान के अनुसार छोटे शहर के आकार का यह ग्रह 2 हजार फीट से 4500 फीट तक चौड़ा है।
अंतरिक्ष के किसी अज्ञात स्थान और अनजान ग्रह से टूट कर आया यह क्षुद्र ग्रह वैज्ञानिकों के कौतूहल का विषय इसलिए भी है क्योंकि ऐसे ही क्षुद्र ग्रहों के टकराने से पृथ्वी और अन्य ग्रहों पर समय-समय पर विभिन्न बदलाव हुए हैं।
वैज्ञानिकों में सृष्टि का यह सिद्धात अब आमतौर पर मान्य है। इसी आधार पर इस घटना को महत्व मिल रहा है। खगोल और अंतरिक्ष विज्ञानियों के अनुसार इस आकाशीय घटना को लोग स्लूह में देख सकते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान पत्रिका के बॉब बर्मन के अनुसार पृथ्वी के पास से गुजरने वाले क्षुद्र ग्रहों में अब कुछ रुचिकर नहीं बचा है।
सिवाय इसके कि ऐसे किसी क्षुद्र ग्रह से अरबों वर्ष पहले धरती पर अमीनो एसिड पहुंचा था जिससे जीवन की उत्पत्ति संभव हुई। हालाकि अब अगर ऐसे और ग्रह कभी टकराते भी हैं तो उनका कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा क्योंकि ये आकार में उन क्षुद्र ग्रहों से बहुत छोटे हैं।
लेकिन क्षुद्र ग्रहों के अध्ययन से बहुत लाभ हो सकता है। उल्लेखनीय है कि इसी साल जून के मध्य में भी एलजेड1 नाम का एक क्षुद्र ग्रह धरती के करीब से गुजरा था।
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