खेलों के महाकुंभ का लंदन में हुआ रंगारंग आगाज
Posted on Jul 28, 2012 at 08:03am IST | Updated Jul 28, 2012 at 08:28am IST
लंदन। लंदन में खेलों के महाकुंभ का
आगाज हो गया। ओलंपिक की शुरुआत बेहद ही शानदार रही। इस मौके पर इंग्लैंड
की महारानी भी मौजूद थीं। भारतीय दल का प्रतिनिधित्व पहलवान सुशील कुमार ने
किया। इस दौरान हुए रंगारंग कार्यक्रमों ने समां बांध दिया। लंदन में 30
वें और इंग्लैंड में तीसरे ओलंपिक की शुरुआत भारतीय समयानुसार रात के करीब
डेढ़ बजे से हुई और सुबह सवा पांच बजे तक चलता रहा। इस समारोह को दुनिया भर
में 4 अरब से ज्यादा लोगों ने अपने घरों में देखा।
ऑइल्स
ऑफ वंडर नाम के इस समारोह ने अपने नाम के अनुरूप दुनिया को रोशनी से
चकाचौंध कर दिया। खेलों के महाकुंभ की शुरुआत टूर डी फ्रांस' के पहले
ब्रिटिश विजेता ब्रैडली विग्गिन्स के घंटा बजाने के साथ हुई। अदभुत ओपनिंग
का सारा श्रेय जाता है हॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर और स्लमडॉग मिलियनेयर
फिल्म बनाने वाले फिल्मकार डैनी बॉयल को। समारोह की शुरुआत हुई ब्रिटेन के
ऐतिहासिक विकास की झलक से। स्टेडियम में सबसे पहले पुराने जमाने के ब्रिटेन
के गांव को दिखाया गया। इसके बाद ब्रिटेन के औद्योगीकरण को दिखाया गया।
पिघलते मेटल से अलग-अलग छल्ले बने, जो बाद में जुड़कर ओलिंपिक रिंग बने। ये
रिंग महाद्वीपों को दर्शाते हैं। इसके बाद एक विडियो में दिखाया गया कि
जेम्स बॉन्ड ब्रिटेन की महारानी को लेने बर्मिंगम पैलेस गए। महारानी और
जेम्स बॉन्ड को हेलिकॉप्टर से छलांग लगाकर पैराशूट के जरिए स्टेडियम में
उतरते दिखाया गया। फिर ब्रिटेन का झंडा फहराया गया और नेशनल ऐंथम 'गॉड सेव द
क्वीन' गाया गया।
इसके
बाद एक साधारण परिवार की कहानी दिखाई गई। इसमें एक लड़की को एक लड़के से
प्यार हो जाता है इसके तहत बारी-बारी से 1960, 1970, 1990 और अब का म्यूजिक
बजता है।
इसके बाद एक-एक करके सभी देशों
के एथलीट्स आए। जिसमें परंपरा के तौर पर सबसे पहले ग्रीस आया। इसके बाद
सभी देश ऐल्फाबेटिकली ऑर्डर में आए। 108 वें देश के तौर पर भारत का नाम
पुकारा गया। तब तिरंगा लिए पहलवान सुशील कुमार और पूरा दल दिखा। भारत के दल
में महिलाओं ने पीले रंग की साड़ी पहनी थी। पुरुषों ने काले कोट, पीले
साफे के साथ नीली टाई भी पहनी।
आखिर
में मशाल जलाने का कायक्रम हुआ। मशाल लेकर टेम्स नदी में इंग्लैंड के
पूर्व फुटबॉल कप्तान डेविड बेकहम बेमिसाल अंदाज में नजर आए। उसके बाद टार्च
की स्टेडियम में एंट्री की गई। ओलंपिक स्टेडियम में बैठे करीब 60 हजार
दर्शक पूरी तरह से रोमांचित हो रहे थे। इसके बाद आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ।
आतिशबाजी से पूरा स्टेडियम रोशनी में नहा उठा। दर्शकों की तालियों की आवाज
दुनियाभर में भाई चारे की मिसाल बनकर फैलती रही।
महाकुंभ
का शानदार आगाज को हो चुका है और उम्मीद है कि अंजाम भी बेहतरीन होगा। जब
12 अगस्त को खेल खत्म होंगे तब तक हिंदुस्तान की झोली में भी कई मेडल गिर
चुके होंगे।
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