लड़कियों ने की पंचायत, जींस नहीं पहनेंगी!
18 Jul 2012, 0900 hrs IST
एनबीटी ॥ मुजफ्फरनगर
बागपत की एक पंचायत द्वारा महिलाओं के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने, अकेले बाजार न जाने के तालिबानी फरमान के समर्थन में अब खुद लड़कियां उतर आई हैं। हालांकि लड़कियों का कहना है कि पंचायत उन पर किसी तरह का फरमान न थोपे।
गौरतलब है कि हाल ही में आरएलडी पार्टी चीफ अजित सिंह के बेटे और युवा सांसद जयंत चौधरी ने पंचायत के फैसले का समर्थन करते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
अब मुजफ्फरनगर के एक गांव की लड़कियों ने खुद पंचायत करके जींस न पहनने, नाखून न रखने व मोबाइल का यूज न करने के संकल्प लिए। यह पंचायत मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर के गांव दूधाहेड़ी में सोमवार को लड़कियों ने की। हालांकि पंचायत में लड़कियों ने फरमान जारी करने वाली पंचायतों से कहा कि उन पर फैसले न थोपे, क्योंकि वह खुद जानती हैं कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं। लड़कियों ने कहा, हमें पता है कि हमारे संस्कार और परंपराएं क्या हैं। इसलिए हम खुद अपना भला सोच सकती हैं।
इस पंचायत में गांव की पढ़ी-लिखी लड़कियां शामिल हुईं। पंचायत में करीब 50 लड़कियों ने हिस्सा लिया। इसमें कई लड़कियां ऐसी थीं जो कॉलेजों में पढ़ाई कर रही हैं। पंचायत में शामिल एक लड़की ने कहा, लड़कियों को मां-बाप की इज्जत करनी चाहिए, उन्हें कभी पलट कर जवाब नहीं देना चाहिए। उसने कहा, लड़कियों को नाखून नहीं बढ़ाने चाहिए और न ही बाल कटवाने चाहिए। वहीं, एक दूसरी लड़की ने कहा, जींस एक खराब पहनावा है, इसके साथ दुपट्टे का भी मेल नहीं है और मोबाइल भी युवतियों के लिए अभिशाप बन रहा है। पंचायत में यह भी फैसला लिया गया कि दूसरे गांवों में भी ऐसी पंचायत की जाएगी और लड़कियों को इन फैसलों पर राजी किया जाएगा। अगली पंचायत नौवा गांव करने का फैसला किया गया है।
बागपत की एक पंचायत द्वारा महिलाओं के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने, अकेले बाजार न जाने के तालिबानी फरमान के समर्थन में अब खुद लड़कियां उतर आई हैं। हालांकि लड़कियों का कहना है कि पंचायत उन पर किसी तरह का फरमान न थोपे।
गौरतलब है कि हाल ही में आरएलडी पार्टी चीफ अजित सिंह के बेटे और युवा सांसद जयंत चौधरी ने पंचायत के फैसले का समर्थन करते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
अब मुजफ्फरनगर के एक गांव की लड़कियों ने खुद पंचायत करके जींस न पहनने, नाखून न रखने व मोबाइल का यूज न करने के संकल्प लिए। यह पंचायत मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर के गांव दूधाहेड़ी में सोमवार को लड़कियों ने की। हालांकि पंचायत में लड़कियों ने फरमान जारी करने वाली पंचायतों से कहा कि उन पर फैसले न थोपे, क्योंकि वह खुद जानती हैं कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं। लड़कियों ने कहा, हमें पता है कि हमारे संस्कार और परंपराएं क्या हैं। इसलिए हम खुद अपना भला सोच सकती हैं।
इस पंचायत में गांव की पढ़ी-लिखी लड़कियां शामिल हुईं। पंचायत में करीब 50 लड़कियों ने हिस्सा लिया। इसमें कई लड़कियां ऐसी थीं जो कॉलेजों में पढ़ाई कर रही हैं। पंचायत में शामिल एक लड़की ने कहा, लड़कियों को मां-बाप की इज्जत करनी चाहिए, उन्हें कभी पलट कर जवाब नहीं देना चाहिए। उसने कहा, लड़कियों को नाखून नहीं बढ़ाने चाहिए और न ही बाल कटवाने चाहिए। वहीं, एक दूसरी लड़की ने कहा, जींस एक खराब पहनावा है, इसके साथ दुपट्टे का भी मेल नहीं है और मोबाइल भी युवतियों के लिए अभिशाप बन रहा है। पंचायत में यह भी फैसला लिया गया कि दूसरे गांवों में भी ऐसी पंचायत की जाएगी और लड़कियों को इन फैसलों पर राजी किया जाएगा। अगली पंचायत नौवा गांव करने का फैसला किया गया है।
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