18.7.12

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पौधे को कैसे होता है पुष्पित होने का एहसास

पौधे को कैसे होता है पुष्पित होने का एहसास वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने अंतत: 80 साल पुरानी एक पहेली को हल करने का दावा किया है कि पौधों को यह बात कैसे पता चलती है कि उन्हें कब पुष्पित होना है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह उनके जीन्स में होता है।
 
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के एक दल के अनुसार फूल खिलने की प्रक्रिया किसी पौधे के पुष्पित पल्लवित होने के लिए महत्वपूर्ण होती है और इसके उचित समय का पता लगाने में आणविक घटनाक्रमों का सिलसिला होता है। जिसमें पौधे की जैविक घड़ी और धूप शामिल है।
 
दल का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर ताकातो इमाइजुमी ने कहा कि अरबीडोप्सिस नामक अध्ययन में यह समक्षने का प्रयास किया गया कि किसी सामान्य पौधे में फूलों के खिलने का काम कैसे होता है। इससे यह समक्षने में बेहतरी होगी कि धान, गेहूं और जौ जैसी फसलों के तौर पर उगे और जटिल पौधों में ये ही जीन्स किस तरह काम करते हैं।
 
उन्होंने कहा, यदि हम फूल उगने के समय को नियमित कर सकते हैं तो इसे बढ़ाकर या इसमें देरी कर उपज बढ़ाने में सक्षम हो सकते हैं। प्रणाली को समझने से हमें इसमें बदलाव की सहजता होती है।
 
साल में विशेष समयों पर पौधों के पुष्पित होते समय उनकी पत्तियों में फ्लोवरिंग लोकस टी नामक प्रोटीन बनता है जो इस प्रक्रिया को प्रेरित करता है। यह प्रोटीन पत्तियों से शूट एपेक्स में पहुंचता है जो पौधे का वह हिस्सा है जहां कोशिकाएं एक जैसी होती हैं। इसका मतलब है कि ये कोशिकाएं पत्तियां या फूल बन सकती हैं।
 
इस शूट एपेक्स में प्रोटीन में आणविक बदलाव होते हैं जो कोशिकाओं को फूल बनने की दिशा में बढ़ाते हैं।

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