18.7.12

मुरादें हुईं पूरी तो हर दिन दो लाख रुपए का देने लगा दान

Source: dainikbhaskar.com   |   Last Updated 07:33(17/07/12)
 


अमृतसर. एक शख्स कनाडा से अपनी कई मुरादें लेकर स्वर्ण मंदिर आया था। उसके पास केवल मुरादें ही नहीं इरादे भी थे। स्वर्ण मंदिर में उसने दिल से अरदास की और उसकी मुरादें पूरी हो गईं। फिर आई उसके इरादों की बारी। उसने इरादों में इतना दम दिखाया कि मिसाल बन गया। इसके बावजूद उसने यह नहीं कहा कि इस मिसाल का प्रचार किया जाए। आम लोगों के लिए वह शख्स आज भी गुमनाम ही है।
क्या है वह मिसाल
600 साल पुराना स्वर्ण मंदिर में हर दिन लंगर का आयोजन किया जाता है। रोजाना एक लाख लोग लंगर छकते हैं। स्वर्ण मंदिर में लंगर से पहले नाश्ता की भी व्यवस्था होती है। नाश्ते में चाय, बिस्कुट और रस दिए जाते हैं। जब उस शख्स की मुरादें पूरी हुईं तो उसने मंदिर प्रबंधन से वादा किया कि सुबह के नाश्ते में जितने खर्च होते हैं उसे मैं आजीवन उठाऊंगा। स्वर्ण मंदिर प्रबंधन ने कहा कि हर दिन आपको 1 लाख 75 हजार रुपए देने होंगे। उस शख्स ने कहा, कोई बात नहीं मैं दूंगा। अब तक एक साल हो गया और उसका दान जारी है। वह एक साथ तीन महीने का खर्च देता है। तीन महीने का मतलब 157.5 लाख रुपए।
उस शख्स ने मदिंर प्रबंधन से एक शर्त रखी थी कि इस बात को गुप्त रखी जाए। खास करके मेरी कोई तस्वीर जारी नहीं करनी होगी। स्वर्ण मंदिर प्रबंधन ने इस बात को मान लिया। तो स्वर्ण मंदिर में की हर चाय की घूंट में उस शख्स का नाम होता है। वैसा नाम जो खुद को गुमनाम रखना चाहता है।

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