42 लाख रुपए सालाना पर भी 'नहीं मिला एलियन'
मंगलवार, 17 जुलाई, 2012 को 14:36 IST तक के समाचार
ब्रिटेन के नेशनल आर्काइव्स या
राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखे दस्तावेज़ों ने पहली बार यूएफ़ओ यानी एलियन
के बारे में ब्रितानी सरकार की नीतियों की जानकारी दी है.
दस्तावेज़ों से पता चला है कि 1950 से लेकर 2009
तक ब्रितानी रक्षा मंत्रालय की एक विशेष यूनिट ने एलियन देखे जाने की लगभग
10 हज़ार घटनाओं की जांच की थी यानी कि हर दो दिन पर एलियन देखे जाने की एक
घटना.हाल ही में प्रकाशित दस्तावेज़ों में दिसंबर 2008 ले लेकर अब तक की घटनाओं का ज़िक्र है.
उन दस्तावेज़ों से उस ख़ास यूनिट में काम करने वाले अधिकारियों के जीवन के बारे में बहुत सारी नई जानकारियां मिलती हैं.
2007 में पहली बार जब इसकी घोषणा की गई थी कि राष्ट्रीय लेखागार में रखे एलियन से जुड़े दस्तावेज़ों को सार्वजनिक किया जाएगा तब कुछ समाचार पत्र काफ़ी उत्तेजित हो गए थे.
"कभी-कभी हवाईकर्मी, एयर ट्रैफ़िक नियंत्रण के अधिकारी या पुलिस हमें इस बारे में जानकारी देते थे और हमलोग उन्हें ज्यादा महत्व देते थे क्योंकि हमलोंगों की राय में वे लोग विमानन के क्षेत्र में प्रशिक्षित पर्यवेक्षक होते थे."
एलियन यूनिट से जुड़े एक अधिकारी
एलियन की जांच
इससे जुड़े एक शोधकर्ता ने ई-मेल के ज़रिए जानकारी देते हुए कहा है कि उस यूनिट का मुख्य काम एलियन से जुड़ी सभी ख़बरों को जमा करना था जिनमें ज्यादातर ख़बरें लोग टेलीफ़ोन करके देते थे.लोग अक़सर आकाश में कई ऐसी चीज़ें देखते थे जो वो समझ नहीं पाते थे कि वे क्या हैं और वो एलियन यूनिट को फ़ोन करके उसकी जानकारी देते थे ताकि वहाँ बैठे अधिकारी शायद उनको उस अनोखी चीज़ को समझने में मदद करें.
इसी तरह की एक घटना में 1977 में एक होटल के मालिक ने एलियन यूनिट को फ़ोन कर बताया कि उन्होने चंद्रमा जैसी कोई चीज़ को धरती पर गिरते हुए देखा है जिसमें से मानव की तरह की दो चीज़ें बाहर निकली.
उदाहरण के तौर पर 1996 में लिंकनशायर के कुछ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने एक एलियन देखा है, ब्रितानी वायु सेना के एक रडार ने भी किसी चीज़ को पकड़ा था.
इसकी जांच करने पर पता चला कि पुलिस अधिकारियों ने जो रौशनी देखी थी वो दरअसल बहुत चमकते हुए तारे थे और रडार ने सिसे पकड़ा था वो उस इलाक़े के चर्च टावर का हिस्सा था.
"एलियन पर शोध करने के लिए बनी यूनिट में काम करने के कारण बहुत स्वाभाविक है कि मुझे एलियन के बारे में काफ़ी जानकारी और अनुभव हो गया था लेकिन उन सबके बावजूद हमलोगों के लिए जानकारी का सबसे बेहतरीन स्रोत गूगल होता था."
एलियन यूनिट के एक अधिकारी
1998 में एलियन पर बनी एक लंबी रिपोर्ट भी तत्कालीन प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर को सौंपी गई थी.
कुछ लोगों का कहना था कि एलियन के बारे में जांच करने के लिए रक्षा मंत्रालय के अंदर एक विशेष यूनिट के बनाए जाने से कहा जा सकता है कि एलियन के पृथ्वी पर आने के कई ख़ुफ़िया शोध किए गए होंगे.
लेकिन इसको ख़ारिज करते हुए उस ख़ुफ़िया अधिकारी ने कहा कि ये एक काल्पनिक कहानी है.
आख़िर में सबसे चौंकाने वाली बात का ज़िक्र करते हुए उस अधिकारी ने लिखा है, ''एलियन पर शोध करने के लिए बनी यूनिट में काम करने के कारण बहुत स्वाभाविक है कि मुझे एलियन के बारे में काफ़ी जानकारी और अनुभव हो गया था लेकिन उन सबके बावजूद हम लोगों के लिए जानकारी का सबसे बेहतरीन स्रोत गूगल होता था.''
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